यह कहानी लखनऊ में नौकरी कर रहे 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर विनायक चावला (सत्यजीत दुबे) की है। वह लिवर सिरोसिस बीमारी से पीड़ित है। उसके पिता रिटायर हो
हृदय लीवर गुर्दें और फेफड़ें जैसे अंगों का प्रत्यारोपण उन अंग प्राप्तकर्ताओं में किया जाता हैं जिनके अंग असफल हो चुकें हैं ताकि यह प्राप्तकर्ता सामान्य जीवनयापन कर