Sherni Review: शोर-शराबे और हंगामे के बिना सादगी से सही जगह चोट करती है विद्या बालन की ‘शेरनी’, पढ़ें पूरा रिव्यू
|Sherni Review सरकारी महकमों की लचर कार्यशैली सरकारी मुलाज़िमों और स्थानीय सियासत का गठजोड़ जानवर की जान के लिए इंसानी नज़रिया और इंसानी जान के लिए सियासत का रवैया… सब कुछ स्क्रीनप्ले में पिरोया है। बिना किसी शोर-शराबे और हंगामे के फ़िल्म मुद्दे की बात करती है।