मुद्रास्फीति के रिकॉर्ड निचले स्तर पर रहने की वजह से ज्यादातर विशेषज्ञों ने इस बार रेपो रेट में कटौती को लेकर उम्मीद जताई थी। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना था कि रिजर्व बैंक उम्मीद से भी ज्यादा कटौती कर सकता है।
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