MCD ने सरकार के विज्ञापन पर उठाए सवाल

नई दिल्ली

ईस्ट एमसीडी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और निगम को पैसे न देने के मामले में दिल्ली सरकार के मीडिया में दिए गए विज्ञापन को तीनों एमसीडी ने ध्यान भटकाने वाला बताया। तीनों एमसीडी (नॉर्थ, साउथ और ईस्ट) के मेयर ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि असल में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सच तो यह है कि अब भी दिल्ली सरकार को तीनों एमसीडी को करीब 10.50 हजार करोड़ रुपये देने हैं और वह उसे नहीं दे रहे हैं।

साउथ एमसीडी के मेयर सुभाष आर्य ने एक दस्तावेज जारी कर बताया कि दिल्ली सरकार को साढ़े दस हजार करोड़ रुपये में से 2 हजार 501 करोड़ रुपये तो प्लान, नॉन प्लान और म्युनिसिपल रिफॉर्म के रूप में देने हैं। 7 हजार 976 करोड़ रुपये एजुकेशन और फोर्थ फाइनैंस कमिशन लागू होने के बाद दिया जाना है। दिल्ली सरकार 2,501 करोड़ रुपये देने की बात तो खुद भी मानती है, लेकिन करीब 8 हजार करोड़ रुपये देना वह नहीं मानती है।

नॉर्थ एमसीडी के मेयर रविंद्र गुप्ता ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि म्युनिसिपल कॉरपोरेशन सरकार के अंडर में नहीं आती। उन्होंने कहा कि असल में दिल्ली के मुख्यमंत्री काम न करके अराजकता फैलाना चाहते हैं। उन्होंने संविधान के आर्टिकल-243 की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इसमें साफ लिखा है कि यह राज्यों की ड्यूटी है कि अगर किसी राज्य की कॉरपोरेशन आर्थिक संकट से जूझ रही है तो राज्य उसकी मदद करे। एमसीडी दिल्ली सरकार से कोई भीख नहीं मांग रही है।

ईस्ट एमसीडी के मेयर हर्षदीप मल्होत्रा ने कहा कि केजरीवाल ने विज्ञापन के लिए 526 करोड़ रुपये का जो बजट रखा है, अगर वही पैसा तीनों एमसीडी में बांट दें तो कर्मचारियों के एरियर और उन्हें पक्का करने जैसी सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

दिल्ली समाचार, खबर, हिन्दी Political News Delhi