Kota Pressure: कोई दोस्त नहीं…सिर्फ प्रतिद्वंदी, मां-बाप की अपेक्षाओं का बोझ ले ट्रेडमिल पर दौड़ रहा ये शहर
|कोटा में हर साल टॉपर्स के रिकार्ड टूटते हैं तो वहीं अब आत्महत्या के भी रिकार्ड टूटने लगे हैं। पिछले साल जहां 15 बच्चों ने आत्महत्या की तो वहीं इस साल यह रिकॉर्ड बढ़कर 20 हो चुका है। इसके पीछे का कारण बताते हुए छात्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि कोटा फैक्ट्रीके नाम से मशहूर देश की कोचिंग राजधानी में कोई किसी का दोस्त नहीं हैबल्कि केवल प्रतिस्पर्धी हैं।