HC ने दी हिम्मत, बिल्डरों की दादागिरी रोकेंगे रेजिडेंट्स
|सेक्टर-77 स्थित एक्सप्रेस जेनिथ सोसायटी में बिल्डर की ओर से कराए जा रहे अवैध कंस्ट्रक्शन पर हाई कोर्ट की रोक के बाद शहर की अन्य सोसायटी के रेजिडेंट्स को भी उम्मीद जगी है। तमाम सोसायटियों में इस तरह की समस्या है। करीब 15 सोसायटियों के रेजिडेंट्स अथॉरिटी में शिकायत कर चुके हैं। लोगों का आरोप है कि जब उन्होंने बुकिंग कराई तो बिल्डर ने जितने टावर और फ्लैट बनाने का नक्शा दिखाया था बाद में उससे कहीं ज्यादा फ्लैट बनाए और उसके हिसाब से कोई सुविधा नहीं बढ़ाई। इसके चलते लोगों को पार्किंग की समस्या, बच्चों के खेलने के लिए जगह न होना, खुला स्पेस कम होना आदि तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
जारी रहेगी लड़ाई
सेक्टर-77 स्थित एक्सप्रेस जेनिथ सोसायटी के रेजिडेंट ब्रह्म सिंह का कहना है कि हम लोग पिछले तीन साल से इसकी लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन नोएडा अथॉरिटी ने हमारी एक नहीं सुनी। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो हमने कोर्ट में अपील की। हमारी सोसायटी के कई रेजिडेंट्स इस मुहिम में शामिल हैं। हाई कोर्ट का यह कदम हर एक हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले रेजिडेंट्स को राहत देने वाला है। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
आरटीआई से निकाली डिटेल
आरटीआई ऐक्टविस्ट शैलेंद्र बर्नवाल ने बताया कि मैंने आरटीआई के माध्यम से यह डिटेल निकाली थी कि 2010 में केवल 700 पीपीएच (पर्सन पर हेक्टेअर) तक की मंजूरी थी, जबकि अथॉरिटी ने तमाम प्रॉजेक्ट्स में उस समय भी 1650 पीपीएच तक की मंजूरी दे रखी है। 1650 पीपीएच का नियम अभी तक पारित नहीं हुआ है। 2016 और 2017 में अथॉरिटी ने 1650 पीपीएच पारित कराने के लिए पब्लिक से आपत्ति व संशोधन मांगे थे। शहर के तमाम रेजिडेंट्स ने इस पर आपत्ति लगाई है। लीगल तौर पर अभी तक 1650 पीपीएच का नियम पारित नहीं हुआ है, लेकिन अधिकांश प्रॉजेक्ट्स में बिल्डरों को इसकी एनओसी दे रखी है। इसकी वजह से बिल्डर मनमानी तरीके से कंस्ट्रक्शन कर रहे हैं।
लोगों ने उठाया है मुद्दा
-सेक्टर-45 स्थित आम्रपाली सफायर में बिल्डर मनमाने तरीके से पार्किंग की जगह पर कंस्ट्रक्शन कर रहा है। पार्क की जगह पर कियॉस्क बनाए जा रहे हैं। करीब 4 महीने से रेजिडेंट्स लगातार इसकी शिकायत कर रहे। लोगों की शिकायत के बाद अथॉरिटी ने बिल्डर को नोटिस तो भेजा है लेकिन अभी तक कोई ऐक्शन नहीं लिया गया है।
-सेक्टर-120 स्थित आम्रपाली जोडिएक में जब रेजिडेंट्स ने बुकिंग कराई उस समय नक्शे में जो जगह मेनगेट के लिए चिह्नित थी, उस जगह पर बिल्डर ने मार्केट बना दिया। सोसायटी का मेनगेट बैक साइड में बना दिया। इसकी वजह से सोसायटी के अंदर कई टावरों तक फायर बिग्रेड नहीं पहुंच सकती है। यहां रहने वाले लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
-सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसायटी के रेजिडेंट्स ने भी सोसायटी के अंदर मनमाने तरीके से कंस्ट्रक्शन पर रेजिडेंट्स ने अथॉरिटी से मामले की शिकायत। विरोध के बाद बिल्डर ने रेजिडेंट्स को बताया कि उसने अथॉरिटी से इसकी एनओसी ले ली है। हालांकि रेजिडेंट्स संतुष्ट नहीं हुए और उनका आरोप है जब हमने बुकिंग कराई थी तब बिल्डर ने ऐसा नहीं बताया था।
-सेक्टर-77 स्थित गृहप्रवेश सोसायटी में जब लोगों ने शुरू में बुकिंग कराई थी तो 6 टावर का नक्शा पास था, लेकिन 7 टावर बने। लोगों ने विरोध किया लेकिन बिल्डर ने रेजिडेंट्स को बताया कि उसनें बाद में अथॉरिटी ने परमिशन ले ली थी।
-अंतरिक्ष गोल्फ व्यू-2 सोसायटी के रेजिडेंट्स का आरोप है हमें 14 फ्लोर तक फ्लैट बनाने के बारे में बताया गया था 18 फ्लोर तक बना दिए हैं। बिल्डर के साथ भी इन लोगों का विवाद चल रहा है। अब लोगों को गाड़ी पार्क करने के लिए जगह नहीं मिलती है।
-सेक्टर-77 स्थित सिविटेक संप्रेति और अंतरिक्ष कैनबॉल सोसायटी में भी इसी तरह की शिकायतें रेंजिडेंट्स को हैं यहां पर लोगों का कहना है कि जो बुकिंग के दौरान जो नक्शा हमें दिखाया था, बिल्डर ने उससे काफी ज्यादा कंस्ट्रक्शन कर रखा है।
मनमानी तरीके से कंस्ट्रक्शन करने का मुद्दा सिर्फ एक्सप्रेस जेनिथ ही नहीं है। 20-25 सोसायटी के लोग इस तरह की समस्या से त्रस्त हैं। इस फैसले से सबको राहत मिली है। हम लोग जल्द ही ऐसी सोसायटी के रेजिडेंट्स के साथ मीटिंग करेंगे और हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएं। अथॉरिटी में शिकायत करने के बाद लोगों की कोई सुनवाई होती नहीं है। -अनु खान, अध्यक्ष, नेफोमा
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