Film review: फिल्म ‘रॉय’ पर हमारी राय
|कभी कभी कुछ अनोखा करने के चक्कर में अक्सर हम कुछ गलत कर जाते हैं और आखिरी में प्रोडक्ट खराब हो जाता है. कुछ ऐसा ही मिजाज है फिल्म ‘रॉय’ का. बचपन में एक पहेली थी, डब्बे में डब्बा और डब्बे में कुछ नहीं.
कभी कभी कुछ अनोखा करने के चक्कर में अक्सर हम कुछ गलत कर जाते हैं और आखिरी में प्रोडक्ट खराब हो जाता है. कुछ ऐसा ही मिजाज है फिल्म ‘रॉय’ का. बचपन में एक पहेली थी, डब्बे में डब्बा और डब्बे में कुछ नहीं.