Film Review: औसत है ‘दिल धड़कने दो’
|जोया अख्तर ने 2009 में फिल्म ‘लक बाय चांस’ के साथ डायरेक्शन के क्षेत्र में करियर की शुरुआत की. उनकी इस फिल्म को सराहा गया. दो साल बाद 2011 में जोय ‘जिंदगी ना मिलेगी दाबारा’ लेकर आईं. इस फिल्म को भी दर्शकों ने पसंद किया और फिल्म को कई पुरस्कार भी मिले. अपने करियर के 6ठे साल में अब वह ‘दिल धड़कने दो’ के साथ एक बार फिर हाजिर हैं.