अवमूल्यन और अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि क्षणिक बातें: जेटली
| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चीन की मुद्रा यूआन के हाल के अवमूल्यन और अमेरिका में नीतिगत ब्याज दरों में संभावित वृद्धि की बातों को ‘क्षणिक’ प्रभाव वाली बताया। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय मुद्रा के एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव और भारत के बाजारों की स्थिति उसकी वास्तविक अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ‘मजबूत स्थिति’ में है और देश के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टरों में तेजी आनी शुरू हो गई है। जेटली ने कहा कि सरकार वास्तविक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगी हुई है और उसके निर्णय, बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं हैं। वित्त मंत्री ने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के सम्मेलन के दौरान बातचीत में कहा, ‘इस समय लोगों को अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति और शेयर बाजार और घरेलू मुद्रा पर (चीन की) मुद्रा अवमूल्यन के तात्कालिक प्रभाव के बीच फर्क समझना चाहिए। अंतत: तात्कालिक प्रभाव का यह दौर जब समाप्त हो जाएगा तो वास्तविक अर्थव्यवस्था ही मायने रखेगी।’ उन्होंने कहा, ‘यह (अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति) वह बात है जो मुद्रा के एक्सचेंज रेट और शेयर बाजार की स्थिति को तय करेगी।’ जी-20 सम्मेलन शनिवार को यहां समाप्त हो गया। गौरतलब है कि हाल ही में चीन द्वारा यूआन के एक्सचेंज रेट में किए गए अवमूल्यन से भारत सहित विश्व के प्रमुख शेयर बाजार भारी बिकवाली का शिकार हुए तथा विभिन्न देशों की मुद्राओं पर भी इसका दबाव पड़ा। यहां सम्मेलन के बाद शनिवार रात जारी घोषणा पत्र में विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने अपनी मुद्राओं के अवमूल्यन की होड़ में न पड़ने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। जी-20 की अर्थव्यवस्थाओं ने बाजार द्वारा निर्धारित एक्सचेंज रेट की दिशा में बढ़ने का संकल्प किया है। जेटली ने एक्सचेंज रेट में भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति से निपटने लिए विश्व स्तर पर एक सुरक्षा तंत्र बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा तंत्र अच्छी तरह से डिजाइन किया गया हो, इसमें पर्याप्त फंड हो तथा इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के तत्वावधान में बनाया जाय जो उतार-चढ़ाव के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए फॉरेन एक्सचेंज की बहुपक्षीय अदला-बदली की सुविधा प्रदान करे। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के अन्य देशों के साथ तुलना करें तो हम (भारत) मजबूत स्थिति में हैं। दूसरे जो सकारात्मक संकेत हैं वे अमेरिका से हैं जहां दूसरी तिमाही की आर्थिक वृद्धि के आंकड़े अच्छे रहे हैं और बेरोजगारी घटी है।’ जेटली ने कहा कि बैठक में नेताओं ने अपनी ओर से स्थितियों की व्याख्या की। जहां तक भारत का संबंध है, निश्चित तौर पर पिछला एक महीना उठापटक भरा रहा है जिसमें शेयर बाजारों में गिरावट रही। इसके पीछे बाहरी कारण रहे हैं। जेटली ने कहा कि इस समय ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं कठिनाई में हैं। उनकी वृद्धि दर घट रही है और मुद्राओं की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव चल रहा है। हमने इसे अवसर के रूप में लिया है और हम अपनी नीतिगत व्यवस्था और वास्तविक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वित्त मंत्री ने तुर्की के उद्यमियों के साथ बैठक में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर खुली हुई है और पहले से अधिक संख्या में उद्योगों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के लिए खोल दिया गया है।’ जेटली ने कहा, ‘मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टरों में हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से ज्यादा चल रही है। कृषि की वजह से कुल मिलाकर वृद्धि दर कम हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक कृषि का संबंध है, जून और जुलाई में हमारा काम अच्छा चल रहा था, लेकिन अगस्त और सितंबर में मॉनसून की स्थिति ज्यादा उत्साहजनक नहीं रही जिसको लेकर कुछ चिंता जरूर है। लेकिन मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टरों की स्थिति में सुधार को देखकर लगता है कि भारत एक बहुत सम्मानजनक वृद्धि दर हासिल कर लेगा।’
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