जिस कॉलेज से हुए ड्रॉप उसी के सबसे बड़े रिक्रूटर बने लुकअप के सीईओ दीपक रवीन्द्रन
| स्टीव जॉब्स और बिल गेट्स जैसे कारोबारियों की भारत में भी कमी नहीं है, जिन्होंने पढ़ाई छोड़ने के बाद भी कामयाबी के झंडे गाड़ दिए। लुकअप के सीईओ और फाउंडर दीपक रवीन्द्रन ने साबित कर दिया है कि सफलता हासिल करने की राह में डिग्री बाधा नहीं बनती। उनकी फर्म में ट्विटर के को-फाउंडर बिज स्टोन और इंफोसिस के क्रिस गोपालकृष्णन इनवेस्टर्स के तौर पर शामिल हैं। अब वह फंडिंग के नए राउंड के लिए अंतिम दौर की बातचीत कर रहे हैं। उनकी हायपरलोकल मेसेजिंग ऐप बिजनेस को लोकल कंज्यूमर्स के साथ कनेक्ट करने में मदद करती है। दीपक को लुकअप की शुरुआत करने की प्रेरणा केरल केरल में अपने होमटाउन कसारगोड की यात्रा के दौरान मिली। उन्होंने बताया, ‘मैंने देखा कि मेरी मां दुकानदार से वॉट्सऐप पर चैट कर अपना ऑर्डर दे रही हैं। यह मेरे लिए एक अचंभे की बात थी कि लोग चैट का किस तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।’ उन्होंने देखा कि वॉट्सऐप के साथ व्यक्ति को आसान कम्युनिकेशन के लिए नंबर सेव करने की जरूरत होती है। ऐसा करने के बाद आप एक-दूसरे की डिस्प्ले पिक्चर्स भी देख सकते हैं जिससे प्राइवेसी को लेकर समस्या हो सकती है। दीपक ने लुकअप के साथ इस समस्या को दूर किया और अब कंज्यूमर्स को उन दुकानदारों के साथ चैटिंग करने को लेकर चिंता नहीं होती जिनसे वे पहले कभी नहीं मिले हैं। 2005 में कसारगोड के लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लेने के बाद उनमें आंत्रप्रेन्योर बनने की इच्छा बढ़ने लगी और 2007 में उन्होंने अपने तीन क्लासमेट्स के साथ स्टार्टअप की शुरुआत की। उनके स्टार्टअप को आईआईएम-अहमदाबाद के एक्सेलरेटर प्रोग्राम ने चुन लिया और इसके लिए स्टार्टअप के फाउंडर्स को अपना बेस अहमदाबाद शिफ्ट करना पड़ा। इस वजह से उन्होंने कॉलेज छोड़ने का फैसला किया। एपल के स्टीव जॉब्स से प्रेरणा लेने वाले दीपक ने बताया, ‘उस समय कॉलेज छोड़ना काफी रिस्की था। हमने फंडिंग मिलने की वजह से कॉलेज छोड़ने का फैसला किया। एक महीने तक दीपक और उनके दोस्तों के परिवारों को यह लगता रहा कि उन्होंने आईआईएम में एमबीए करने के लिए कॉलेज छोड़ा है।’ जिस कॉलेज से ये लोग ड्रॉपआउट हुए थे अब वे उसी कॉलेज के सबसे बड़े रिक्रूटर हैं और पिछले कुछ वर्षों में 100 से अधिक स्टूडेंट्स को अपनी स्टार्टअप के लिए हायर कर चुके हैं। मेसेजिंग इंडस्ट्री 30 वर्षीय दीपक की प्रमुख ताकत है। इस सेगमेंट में यह उनका तीसरा वेंचर है। उन्होंने 2007 में स्टूडेंट स्टार्टअप इनोज लॉन्च किया था, जो एसएमएस-बेस्ड सर्च इंजन है। उन्होंने बताया, ‘उस समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ रहा था, लेकिन इंटरनेट का दायरा बहुत अधिक नहीं था। हमें एक ऑफलाइन सर्च इंजन के लिए संभावना नजर आई।’ लेकिन 2014 तक वॉयस पर डेटा भारी पड़ने लगा था। दीपक ने इस बदलती स्थिति को महसूस कर मेसेजिंग के दो बड़े ट्रेंड्स चैट और ऐप्स को मिलाने का फैसला किया और इसी से लुकअप का जन्म हुआ।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।