मोदीनगर ने भी बनाई ‘अपने’ ललित से दूरी
| दिल्ली से 50 किलोमीटर दूर है उत्तर प्रदेश का शहर मोदी नगर। आईपीएल के पूर्व कमिश्नर और ‘कॉन्ट्रोवर्सी किंग’ ललित मोदी का ‘पारिवारिक नगर‘। इस शहर से उनके रिश्तों को नकारा नहीं जा सकता। लेकिन यहां रहने वाले मोदी के पारिवारिक सदस्यों उन्हें इग्नोर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ललित मोदी के दादा गुजर मल ने 1939 में यह औद्योगिक नगर बसाया था। उन्होंने इसे अपने परिवार का नाम दिया। पढ़ें : ललित मोदी का दावा, UPA के शासन में रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गांधी से भी मिला था 1980 में शहर की आर्थिक ताकत कमजोर होने लगी। लेकिन, मोदी परिवार ने ऐजुकेशन सेक्शन की ओर ध्यान देना शुरू किया। और इसी सेक्टर ने शहर को एक बार फिर अपने उसी पुरानी प्रतिष्ठा पाने में मदद की। स्थानीय लोग भी इस बात को महसूस करते हैं। मोदी नगर की खास पहचान, गुजर मल मोदी को समर्पित म्यूजियम के अलावा स्थानीय मंदिर में परिवारिक मंदिर भी है। ललित मोदी अपनी पत्नी के साथ यहां आते रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी उपस्थिति को सीमित रखते थे। मंदिर के पुजारी का कहना है, ‘परिवार बड़ा होता गया और लोग मोदीनगर से बाहर जाते रहे, लेकिन उन्होंने इस शहर से राब्ता कायम रखा। अभी हाल तक ललित मोदी भी यहां आते रहे हैं। लेकिन अभी कुछ समय से वह यहां नहीं आए हैं।’ देखें विडियो : ललित मोदी विवाद: सुषमा स्वराज के बहाने का भंडाफोड़ मोदी परिवार ललित के विवादास्पद जीवन से सहज नहीं है। ललित मोदी के अंकल डीके मोदी ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘ मैं उनकी बेगुनाही के लिए जमानत नहीं दूंगा। उनका और मेरा पारिवारिक नाम एक हो सकता है, लेकिन मेरा उससे कोई संबंध नहीं है। यह एक राजनीतिक मसला है और मेरे लिए अच्छा है कि मैं राजनीति से दूर ही रहूं।’ ललित के पिता द्वारा संचालित केके मोदी के साथ एक प्रॉपर्टी विवाद में उलझे एक उद्योगपति का कहना है कि जब परिवार ने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा तो इसने हजारों बच्चों को पढ़ाया, कई गरीब बच्चों को स्कॉलरशिप दी, ललित मोदी ने इस परिवार को केवल बदनामी ही दी है। मैंने सुषमा स्वराज और ललित मोदी का प्रकरण में ही पहली बार इस परिवार का नाम अखबार में पढ़ा। मोहन कुमार नैशनल हाइवे 58 पर चाय की एक दुकान चलाते हैं। शहर के इस बाशिंदे का कहना है, ‘इस परिवार ने शहर को जड़ से तैयार किया है। अब कोई भी मोदीनगर की बात करता है, तो ललित मोदी की बात करता है। अब कोई भी यह बात नहीं करता कि कैसे यह शहर लड़खड़ाया और फिर अपने पैरों पर खड़ा हो गया।’ अंग्रेजी में पढ़ें : Modinagar distances itself from ‘apna’ Lalit
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