‘ट्विटर टेररिस्ट’ हसीना पहुंची सलाखों के पीछे
| उसे न जाने क्यों जिहाद से बेहद लगाव था, लेकिन ट्विटर पर जिहाद के समर्थन में उसने सारी हदें पार कर दीं। उसका जुनून घृणा बनकर दुनिया के सामने आने लगा। वह नहीं समझ सकी कि जिसे वह नेकी की राह समझ रही है, वह उसे नरक के दलदल में ले जा रहा है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और ‘ट्विटर टेररिस्ट’ का टैग देकर सलाखों के पीछे डाल दिया गया। यह कहानी 22 साल की ऐला एसैयद की है। ब्रिटिश ओल्ड बैली कोर्ट ने उसे साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई है, क्योंकि उसके ट्विटर अकाउंट पर 45 हजार से ज्यादा पोस्ट खून खराबे, जिहाद के लिए उकसावे से भरे पड़े थे। तुम औरतों को जोश दिला रही थी कि वे बच्चों को पालने पोसने के बजाय उन्हें जिहाद में जाने के लिए सपोर्ट करें। उनकी शहादत पर फख्र करें। हालांकि इस दौरान वह दावा करती रही कि वह पढ़ी – लिखी नहीं है, और उसे जो भी ठीक लगता है, उसे वह कट-पेस्ट करके पोस्ट कर देती थी।
जून 2013 से मई 2014 के बीच महज 365 दिनों में ऐला ने ये ट्वीट किए। ये सब अरबी भाषा में थे। उसके 8 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे, जिनमें औरतों को उसने जिहाद के लिए उकसाया। अल कायदा जैसे आतंकी संगठन ने अपने 66 खास अकाउंट्स में ऐला को भी जोड़ रखा है। उसके पिता सद्दाम की आर्मी में थे। 2007 में वह सपरिवार ब्रिटेन जा पहुंचे।
जज ने सजा सुनाते हुए ऐला से कहा कि तुमको पता था कि तुम क्या कर रही हो। सालभर में तुमने जितने भी पोस्ट किए, उससे साफ है कि तुम अपने काम में कितनी मसरूफ थी। तुम लड़कों को जिहाद के लिए उकसा रही थी।
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