बाजार हलचल | सुस्त सूचीबद्धता के बीच क्या दिखेगी सेंटा क्लॉज रैली?
|मौजूदा ढांचे के साथ कारोबारी घंटे का विस्तार मुश्किल
नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) के प्रबंध निदेशक व सीईओ आशिष कुमार चौहान ने हाल में आयोजित बजट-पूर्व राउंड-टेबल में कारोबारी घंटे के विस्तार की वकालत की थी। हालांकि बाजार नियामक सेबी के अधिकारियों का मानना है कि इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार नहीं है। एक सूत्र ने कहा, फॉरेक्स बुकिंग्स से संबंधित टी प्लस वन की व्यवस्था की ओर बढ़ने में कुछ चुनौतियां हैं। लंबे कारोबारी घंटे की खातिर इन अवरोधों को हटाना जरूरी होगा। टी प्लस वन सेटलमेंट की ओर सुगमता से बढ़ने के लिए एनएसई ने ट्रेड के एलोकेशन के लिए कटऑफ टाइम एक घंटे बढ़ाकर शाम 8 बजे कर दिया है, जो आज से प्रभावी होगा।
इस साल दिसंबर में कोई सेंटा क्लॉज नहीं बाजार में
दिसंबर का आखिरी हफ्ता सामान्य तौर पर बाजारों के लिए अच्छा होता है क्योंकि दिसंबर के आखिरी पांच कारोबारी दिनों में और नए साल के पहले दो कारोबारी दिनों में मोटे तौर पर बढ़त देखन को मिलती रही है। लेकिन इस साल ऐसा मुमकिन नहीं दिख रहा क्योंकि कोविड की चिंता फिर से उभरी है और अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़ों ने फेड की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मामला मजबूत बना दिया है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, गिरावट के आखिरी तीन हफ्ते ने बाजार का ढांचा बदल दिया है और आगे और गिरावट के संकेत हैं। इंडेक्स के मोर्चे पर निफ्टी का अगला अहम समर्थन स्तर 17,400 है, वहीं सुधार की स्थिति में 18,200-18,500 का स्तर अवरोध के तौर पर काम करेगा।
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सुस्त सूचीबद्धता से रेडिएंट के जीएमपी को झटका
रेडिएंट कैश मैनेजमेंट सर्विसेज का ग्रे मार्केट प्रीमियम सिकुड़कर 10 फीसदी रह गया है। लैंडमार्क कार्स, अबंस होल्डिंग्स और सुला वाइन्स की सुस्त सूचीबद्धता से रेडिएंट की बेहतर संभावना को झटका लगा है, जिसका आईपीओ अगले हफ्ते बंद होने जा रहा है। इस इश्यू को अब तक सिर्फ 4 फीसदी आवेदन मिले हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, पिछले हफ्ते हुई सूचीबद्धता अनुमान से नीचे हुई और काफी ज्यादा उतारचढ़ाव भी निवेशकों की मनोदशा पर असर डाल रहा है।
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