हार के लिए दिल्ली के नेता ही जिम्मेदारः शाह
| गुलशन राय खत्री, बेंगलुरू लगभग दो माह पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महत्व देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही अमित शाह ने इशारों ही इशारों में दिल्ली हार का ठीकरा भी पार्टी की स्थानीय यूनिट पर फोड़ा है और हुए कहा कि दिल्ली इकाई में नई जान फूंकने की जरूरत है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए शाह ने 2014 को कामयाबी का साल बताते हुए कहा कि इस दौरान पार्टी ने महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में जोरदार कामयाबी हासिल की। उन्होंने राज्यों की जीत के लिए संगठन की पीठ थपथपाई, लेकिन दिल्ली पर उन्होंने चंद लाइनें बोलकर ही चुप्पी साध ली। उन्होंने कहा कि पार्टी को कई कामयाबियां मिली हैं इसलिए दिल्ली की हार कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की दिल्ली इकाई पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल्द ही दिल्ली यूनिट में जान फूंकी जाएगी। उन्होंने इतना जरूर कहा कि जीत से अहंकारी और हार से निराश नहीं होना चाहिए। शाह के इस बयान से यह माना जा रहा है कि जल्द ही दिल्ली बीजेपी में बड़े बदलाव हो सकते हैं। दरअसल, फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जोरदार झटका लगा था और 2013 में 31 सीटें जीतने वाली यह पार्टी तीन सीटों पर ही सिमट गई। दिल्ली की इस हार को लेकर हालांकि दिल्ली यूनिट के नेता खुलकर कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन उनका यह मानना है कि दिल्ली में रणनीति बनाने से लेकर मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करने तक का काम खुद पार्टी नेतृत्व ने ही संभाल रखा था इसलिए इस हार के लिए दिल्ली इकाई से ज्यादा जिम्मेदार वही नेता हैं, जिन्होंने सीएम प्रोजेक्ट करने से लेकर मुद्दे तय किए। लेकिन शाह के भाषण से यह साफ है कि शाह इसे पार्टी नेतृत्व की पराजय की बजाय दिल्ली यूनिट की हार मान रहे हैं। इस बीच पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब जल्द ही दिल्ली में प्रदेश नेतृत्व बदल सकता है। इसकी वजह यह है कि अब सदस्यता अभियान के फौरन बाद ही दिल्ली में संगठन चुनाव के नाम पार्टी की कमान किसी और नेता को सौंपी जा सकती है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।