Hum Bhi Akele Tum Bhi Akele Review: समलैंगिक किरदारों की ‘जब वी मेट’ है ज़रीन ख़ान और अंशुमन झा की ‘हम भी अकेले तुम भी अकेले’
|बाक़ी समलैंगिक किरदारों वाली फ़िल्मों से जो बात हम भी अकेले तुम भी अकेले को अलग करती है वो है एक सवाल जो फ़िल्म अपने कथानक के ज़रिए उठाती है- विपरीत सेक्सुअल ओरिएंटेशन वाले किरदारों के बीच आकर्षण या प्यार के आख़िर क्या मायने हैं और उसकी परिणीति क्या है?