‘हम भी बनेंगे हवाईजादा’
| तलपड़े के सम्मान में एरोमॉडलिंग क्लब ने हवाईशो का आयोजन किया, जिसमें बच्चों के लिए मॉडलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। रिमोट संचालित छोटे-छोटे विमानों को देखकर तीन दर्जन से ज्यादा स्कूली बच्चों ने जीवन में कुछ कर गुजरने की भी कसम खाई। बड़े हवाई शो में शामिल विमानों के पायलट कॉकपिट में होते हैं, लेकिन यहां विमानों को रिमोर्ट से उड़ाया गया। छोटे छोटे जहाजों को बटन के इशारे से उड़ता देख बच्चे रोमांचित थे। एरोमॉडलिंग क्लब के सचिव तुलसीकांत झा ने बताया कि बच्चों के लिए ज्यादा से ज्यादा एयरशो किए जाएंगे। शिवशंकर बापू जी तलपड़े द्वारा सन् 1895 में वैदिक पद्धति से इजाद किए गए मारुतसखा नाम के विमान के 1500 फीट ऊपर आसमान में उड़ने की बातें सुनने के बाद बच्चों ने प्रधानमंत्री से तलपड़े के नाम पर हवाईअड्डा बनाने की मांग की। बच्चों को वे तस्वीरें भी दिखाई गईं, जब मुंबई की चौपाटी पर पहली उड़ान के दौरान महाराजा बड़ौदा नरेश राया जी राव गायकवाड़ सहित कई सम्मानित लोग मौजूद थे।
विमान आविष्कारक शिवशंकर बापू जी तलपड़े की काबिलियत और लगन को दर्शाती फिल्म हवाईजादा का असर बनारस के बच्चों में भी झलक रहा है। यहां आयोजित हवाई शो में शामिल हुए बच्चों के लिए बिल्कुल अनोखा अनुभव रहा और इस शो ने उनके मन में भी कुछ नया करने का जज्बा पैदा किया।