ईरान ने चाबहार बंदरगाह में वादे के मुताबिक निवेश नहीं करने पर भारत की आलोचना की
|सामरिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह में वादे के मुताबिक निवेश नहीं करने पर भारत की आलोचना करते हुए ईरान ने मंगलवार को कहा कि यदि भारत ईरान से तेल का आयात कम करता है तो उसे मिलने वाले ‘विशेष लाभ’ खत्म हो सकते हैं। ईरान के उप राजदूत और चार्ज डि’ अफेयर्स मसूद रजवानियन रहागी ने कहा कि यदि भारत अन्य देशों की तरह ईरान से तेल आयात कम कर सऊदी अरब, रूस, इराक और अमेरिका से आयात करता है तो उसे मिलने वाले विशेष लाभ को ईरान खत्म कर देगा।
ईरानी राजनयिक ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चाबहार बंदरगाह और उससे जुड़ी परियोजनाओं के लिए किए गए निवेश के वादे अभी तक पूरे नहीं किए गए हैं। यदि चाबहार बंदरगाह में उसका सहयोग और भागीदारी सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है तो भारत को इस संबंध में तुरंत जरूरी कदम उठाने चाहिए।’
इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। ईरान ने अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक (2017-18 वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में) भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की थी। बता दें कि ईरान के साथ परमाणु समझौते को निरस्त करने के बाद अमेरिका ने भारत और दूसरे देशों को 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात शून्य करने, नहीं तो प्रतिबंधों का सामना करने को कहा है। इस साल मई में ईरान के साथ परमाणु समझौते को रद्द करने के ऐलान के बाद अमेरिका ने इस खाड़ी देश पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए हैं।
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