हवाई यात्रा को पेपरलेस बनाने की योजना को UIDAI ने दिया झटका
|यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने आधार से जुड़े बायोमीट्रिक डेटा को एविएशन अथॉरिटीज के साथ शेयर करने से मना कर दिया है। इससे एयर ट्रैवल को पूरी तरह से पेपरलेस बनाने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को झटका लगा है। एविएशन मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘यूआईडीएआई ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए हमारे साथ बायोमीट्रिक डेटा शेयर करने से इनकार कर दिया है। अब हम इस योजना का लागू करने के लिए पहचान के अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।’
एयरपोर्ट पर पहचान के लिए अन्य विकल्पों में पासपोर्ट या एक आइडेंटिटी कार्ड का इस्तेमाल हो सकता है। इस मामले से वाकिफ अधिकारियों ने स्वीकार किया कि आधार कार्ड से इस योजना को लागू करने में आसानी होती। डिजियात्रा नाम की केंद्र सरकार की इस योजना के जरिए यात्रियों के उड़ान के अनुभव को आसान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप और कागजात के एयरपोर्ट पर पहले से तेज एंट्री और ऑटोमैटिक चेक-इन के लिए बुकिंग के समय आधार को एयरलाइंस और इस प्रक्रिया में जुड़े अन्य प्लेयर्स के साथ लिंक करने का प्रस्ताव था।
इसका मतलब यह था कि आधार को लिंक करा चुके यात्री एयरपोर्ट पर बायोमीट्रिक सिक्यॉरिटी सिस्टम के जरिए आसानी से सिक्यॉरिटी स्कैनर्स से गुजर सकते। इसका एक मकसद एक डेटा बेस भी बनना था कि कौन नियमित एयर ट्रैवल्स करते हैं और कभी-कभी। इसमें नियमित यात्रियों के सफर को और आसान बनाने के लिए उन्हें बिना तलाशी के एंट्री दिए जाने का भी प्रस्ताव शायद शामिल है। बायोमीट्रिक डेटा वाले आधार डेटाबेस को इस डिजियात्रा का मुख्य आधार बनाया जाना था। सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि विजयवाड़ा और वाराणसी एयरपोर्ट पर आधार डीटेल्स देने वाले यात्रियों को जल्द ही लंबी लाइनों से छुटकारा मिल जाएगा। हालांकि यूआईडीएआई के मना करने के बाद अब इस ऐलान पर अमल की संभावना कम हो गई है।
यूआईडीएआई ने इसके साथ ही अपराधों की जांच के लिए भी आधार के बायोमीट्रिक डेटा को शेयर करने से इनकार किया है। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के चीफ की तरफ से पेश किए इस प्रस्ताव के तहत आधार डेटा का लिमिटेड एक्सेस मांगा गया था, जिसे एनसीआरबी पुलिस के साथ पहली बार अपराध करने वाले अपराधियों और गुमनाम लाशों को पहचानने के लिए शेयर करती। हाल ही में कई आधार डेटा के लीक होने के मामले सामने आए हैं, जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए हैं।
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