विजय माल्या ने पीएम मोदी को लिखा खत, मुझे बैंक डिफॉल्ट का पोस्टर बॉय बनाया गया
|नई दिल्ली
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का कहना है कि उसने भारत में सरकारी बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने को लेकर 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रख दिया था। माल्या का कहना है कि उसके पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और अब वह अपना पत्र सार्वजनिक कर रहा है। यूके में एक बयान जारीकर माल्या ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री, दोनों को 15 अप्रैल 2016 को पत्र लिखा था और अब मैं चीजों को सही संदर्भ में पेश करने के लिए इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं।’ माल्या ने कहा कि पीएम या वित्त मंत्री दोनों में से किसी ने भी इसका जवाब नहीं दिया।
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का कहना है कि उसने भारत में सरकारी बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने को लेकर 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रख दिया था। माल्या का कहना है कि उसके पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और अब वह अपना पत्र सार्वजनिक कर रहा है। यूके में एक बयान जारीकर माल्या ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री, दोनों को 15 अप्रैल 2016 को पत्र लिखा था और अब मैं चीजों को सही संदर्भ में पेश करने के लिए इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं।’ माल्या ने कहा कि पीएम या वित्त मंत्री दोनों में से किसी ने भी इसका जवाब नहीं दिया।
माल्या ने कहा कि वह बैंकों का बकाया वापस करने की पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे बैंकों को चूना लगानेवालों के ‘पोस्टर बॉय’ के तौर पर पेश किया जा रहा है। माल्या ने कहा, ‘मेरा नाम आते ही लोगों का गुस्सा भड़क जाता है।’ माल्या ने कहा, ‘मैं सम्मानपूर्वक कहता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों के बकाए वापस करने के पूरे प्रयास किए हैं। अगर राजनीति से प्रेरित कोई फैक्टर इसमें शामिल होता है तो मैं कुछ भी नहीं कह सकता हूं।’
ध्यान रहे कि 62 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या पर सरकारी बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है। बैंकों ने उससे यह रकम वापसी की कोशिशें शुरू कीं तो वह 2016 में यूके भाग गया और अब वह मामले का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है।
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