विजय माल्या से वसूली को लेकर बैंकों को प्रवर्तन निदेशालय ने दिया झटका

सलोनी शुक्ला/कला विजयराघवन, मुंबई
देश से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या से अपनी बकाया रकम वसूलने को लेकर बैंकों को बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूनाइटेड ब्रूअरीज के 2,000 करोड़ रुपये के शेयर्स बेचने की अनुमति देने के बैंकों के निवेदन को अस्वीकार कर दिया है। ये शेयर्स नीदरलैंड की ब्रुइंग कंपनी हेनेकेन खरीदना चाहती है।

इस मामले की जानकारी रखनेवाले एक अधिकारी ने बताया, ‘बैंकों ने एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट की ओर से जब्त किए गए शेयर्स को जारी करने का निवेदन किया था, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया। शेयर की कीमत नीचे गिरती रहेगी। अगर बाद में शेयर्स को भारी डिस्काउंट पर बेचा जाता है तो किसे जिम्मेदार माना जाएगा? क्या ईडी जिम्मेदारी लेगा?’

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने ईडी को पत्र लिखकर यूबी ग्रुप के गिरवी रखे शेयर्स बेचने और उससे मिलनेवाली रकम को एक एस्क्रो अकाउंट में रखने की अनुमति देने का निवेदन किया था। सूत्रों ने बताया कि एसबीआई ने शेयर्स बेचने से मिलनेवाली रकम को जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार को ट्रांसफर करनेवाले एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने का वादा किया था। लेकिन ईडी ने इस निवेदन को ठुकरा दिया।

ईडी के सूत्रों ने बताया कि अपराधियों के देश के बाहर रकम भेजने और उससे गलत तरीके से संपत्ति बनाने पर केंद्र सरकार के पास उसका पहला अधिकार होता है। ईडी का यह भी मानना है कि नए फ्युजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स बिल से बैंकों की तुलना में उसे अधिक प्रायॉरिटी मिलती है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एस्क्रो अकाउंट को बहुत विश्वसनीय इंस्ट्रूमेंट नहीं माना जाता और नए बिल से सरकार को बकाया रकम की वसूली के लिए अधिक ताकत मिलती है।’

मई में ईडी के अधिकारियों ने विजय माल्या की ओर से बैंकों के पास गिरवी रखे गए यूबी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स को कब्जे में लिया था। इसके साथ ही ईडी ने बैंक डिपॉजिट और प्रॉपर्टीज सहित कुछ अन्य संपत्तियां भी अपने नियंत्रण में ली थी। इसके बाद से बैंकों और ईडी के अधिकारियों के बीच इन शेयर्स के सही मालिक को तय करने को लेकर खींचतान चल रही है।

एक बैंकर ने कहा, ‘हम अभी तक इन शेयर्स को बेचकर रकम वसूल कर चुके होते क्योंकि बैंकों का गिरवी रखे शेयर्स पर पहला अधिकार है। लेकिन ईडी ने इन शेयर्स को जब्त कर लिया और अब हम इस जटिल प्रक्रिया में फंस गए हैं।’

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