सीलिंग से बचने के लिए कैसे बने ट्रेड लाइसेंस?
|सीलिंग व अन्य एक्शन से घबराए पुरानी दिल्ली के कारोबारियों ने नॉर्थ एमसीडी में ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन किया। आवेदन का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को मिला हुआ है। हजारों दुकानदारों ने आवेदन किया। लेकिन अभी तक मात्र चार दुकानदारों के लिए लाइसेंस बनकर आए हैं। दुकानदार परेशान हैं कि तीन साल का लाइसेंस बनाने के लिए फार्म बनवाए गए, लेकिन एक साल का ही दिया गया। उनका आरोप है कि उनसे लाइसेंस फीस भी ज्यादा ली गई। अब शिकायत अडिशनल कमिश्नर तक पहुंच चुकी है।
दुकानदार इस मामले को अजीबो-गरीब बता रहे हैं। उन्होंने इस डर से ट्रेड लाइसेंस के लिए अप्लाई किया कि सीलिंग अभियान के दौरान उनकी दुकानें सील नहीं होंगी। अब वह परेशान हैं कि उनसे फार्म भरवा लिया गया, फीस भी ले ली गई लेकिन लाइसेंस बनकर नहीं आए हैं। सूत्र बताते हैं कि पिछले साल अगस्त माह में पुरानी दिल्ली स्थित नॉर्थ इलाके के करीब 20 हजार दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया। उन्हें बताया गया कि लाइसेंस बनाने का काम नॉर्थ एमसीडी ने एक प्राइवेट कंपनी को दे दिया है। इसे नोडल एजेसी बनाया गया है। यह सब कुछ जांच करेगी, आवदेन भरवाएगी और फीस लेने के बाद लाइसेंस बनाकर दे देगी। अब दुकानदार परेशान हैं कि सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई, लेकिन लाइसेंस बनना तो दूर, उसके बारे में सही जानकारी तक नहीं मिल पा रही है।
दुकानदारों का कहना है कि जब उनसे फार्म भरवाए गए थे तो बताया गया था कि उन्हें तीन साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए उनसे 950 रुपये प्रोसेसिंग फीस के अलावा लाइसेंस फीस भी ली गई। कई दुकानदारों का आरोप है कि उनसे अतिरिक्त रकम भी ली गई लेकिन अभी तक लाइसेंस नहीं दिया गया। यह कंपनी यमुनापार में है। वहां जाओ तो संतोषजनक उत्तर तक नहीं मिलता है, बस कह दिया जाता है कि लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इस मसले पर नॉर्थ दिल्ली रेजिडेंट्स वेलफेयर फेडरेशन का कहना है कि अधिकतर लाइसेंस उन लोगों ने अप्लाई किए जो रिहायशी इलाकों में दुकान चला रहे हैं। फेडरेशन अध्यक्ष अशोक भसीन का कहना है कि हजारों आवेदनकर्ताओं में से अभी तक मात्र चार दुकानदारों को ही लाइसेंस मिले हैं। उन्हें ये लाइसेंस भी मात्र एक साल के लिए मिला है। उन्होने बताया कि दुकानदारों को लाइसेंस तो मिले नहीं लेकिन उनके मोबाइल पर जानकारी दी जा रही है कि आपका लाइसेंस एक्स्पायरी हो गया है। संदेश में एक अधिकारी का नाम दिया गया है कि उससे मिलें। भसीन के अनुसार ये तो ज्यादती है। हमने इसकी शिकायत अडिशनल कमिश्नर यूए त्रिपाठी से की है। लेकिन वहां से कोई उत्तर नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि इस बाबत हम शीघ्र ही कमिश्नर से मुलाकात करेंगे। इस मसले पर लाइसेंसिंग विभाग के एक आला अधिकारी का कहना है कि जो कंपनी लाइसेंस बना रही है, उसका काम संतोषजक पाया गया है, इसके बावजूद भी अगर कोई शिकायत है तो उसकी जांच की जाएगी।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Delhi Political News in Hindi, दिल्ली राजनीति समाचार, खबर , Delhi Politics News