सीलिंग: सीएम के अनशन स्थगित करने पर कारोबारी निराश
|दिल्ली के कारोबारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से खासे निराश हैं। उनका कहना है कि सीलिंग रुकवाने के लिए सीएम ने बेमियादी अनशन करने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने इसे टालकर दिल्ली के कारोबारियों के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की पहले की तरह ही यह घोषणा राजनैतिक स्टंट साबित हुई है। उनका मकसद कारोबारियों की सहानुभूति बटोरना है और उन्हें कारोबारियों के सुख-दुख से कोई सारोकार नहीं है। सीएम के अनशन को लेकर अमर कॉलोनी के कारोबारियों ने तो मंत्र भी तैयार कर लिया था। अब उन्होंने भी गहरी निराशा जताई है।
पिछले दिनों अमर कॉलोनी में हुई सीलिंग के खिलाफ मुख्यमंत्री ने कॉलोनी का दौरा किया था और व्यापारियों की भरी भीड़ में घोषणा की थी कि अगर 31 मार्च तक सीलिंग नहीं रुकी तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे। लेकिन कल सीएम ने सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई की बात कहकर अनशन से इनकार कर दिया है। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सीलिंग के खिलाफ शुरू होने वाले अनशन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा को दिल्ली के व्यापारियों के साथ बड़ा विश्वासघात बताया है और कहा है कि सीएम की घोषणा से यह साबित हो गया है कि उन्हें व्यापारियों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। यह बहुत ही दुखद और शर्मनाक है कि व्यापारियों और उनके कर्मचारियों की रोज़ी रोटी से जुड़े बेहद गम्भीर और संवेदनशील मुद्दे के साथ केजरीवाल ने राजनीति की और व्यापारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। उनके इस निर्णय से दिल्ली के व्यापारी बेहद आहत है।
कैट के नेता प्रवीण खंडेलवाल, सुशील कुमार गोयल, देवराज बवेजा, नरेंद्र मदान आदि का कहना है कि मुख्यमंत्री को अपनी घोषणा के अनुसार बेमियादी अनशन पर बैठना चाहिए था। अगर वह अनशन पर बैठते तो दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ माहौल बनता और लोगों को भी लगता कि सीलिंग की मार से दिल्ली के कारोबारी गंभीर परेशानी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने निश्चित तौर पर अनशन की घोषणा बहुत सोच समझकर की होगी, लिहाज़ा दिल्ली के व्यापारी बहुत बेसब्री से उनके अनशन करने के कार्यक्रम का इंतज़ार कर रहे थे। कारोबारियों को लग रहा था कि उनके अनशन करने से सीलिंग के मुद्दे को जहां बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार पर भी दबाव पड़ेगा। उन्होंने इस बात पर निराशा जताई है कि सीलिंग को लेकर सीएम और उनके मंत्री बड़े-बड़े बयान तो कर रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से कुछ ठोस पहल होती दिखाई नहीं दे रही है।
सीलिंग पर सीएम के अनशन को लेकर अमर कॉलोनी के दुकानदारों और कारोबारियों ने मंच भी लगा लिया था। सीएम ने वहीं पर अनशन करने की घोषणा की थी। अब सीएम के अनशन न करने पर वहां के दुकानदार खासे नाराज हैं। इलाके के दुकानदार, अवतार सिंह, रमनसिंह चावला, अशोक महाजन व स्थानीय पार्षद अभिषेक दत्त का कहना है कि हम मान चले थे कि अगर सीएम अनशन शुरू करेंगे तो कोर्ट भी उनके अनशन और सीलिंग अभियान को लेकर कुछ विचार करेगा, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो पाएगा। अमर कॉलोनी समेत पूरी दिल्ली को सीलिंग की मार लगातार झेलनी पड़ेगी।
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