‘तेजतर्रार विधायकों’ के बिना चलेगा विधानसभा का बजट सेशन
|दिल्ली विधानसभा के शुक्रवार से शुरू होने वाले बजट सेशन में आप सरकार के 20 विधायक नहीं होंगे। इनमें से कई ऐसे विधायक हैं जो सदन में प्रभावी तरीके से दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हैं और केंद्र और एमसीडी को कटघरे में खड़ा करते थे। सदन में विधानसभा सचिव की अनुपस्थिति भी सरकार के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। दूसरी ओर सीलिंग को लेकर सदन में खासा हंगामा रहने की संभावना है। इस मसले पर आरोप-प्रत्यारोप का लंबा दौर चलेगा।
दिल्ली विधानसभा का बजट सेशन शुक्रवार से शुरू होने वाला है। यह सेशन 28 मार्च तक चलेगा। चूंकि यह बजट सेशन के अलावा इस साल का पहला सेशन है, इसलिए सेशन की कार्यवाही उपराज्यपाल अनिल बैजल के भाषण से होगी। वह सदन में दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली और उपलब्धियों पर बयान देंगे लेकिन सेशन इसलिए खास होने वाला है, क्योंकि वहां आप के 20 विधायक प्रवेश नहीं कर पाएंगे। लाभ के पद को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग की संस्तुति पर राष्ट्रपति ने इनकी सदस्यता रद्द कर दी है। मामला कोर्ट में है, इसके बावजूद विधानसभा सचिवालय ने एक आदेश जारी कर इन 20 विधायकों के सदन में प्रवेश पर रोक लगा दी है और इन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं भी रोक दी हैं।
इन 20 विधायकों में कई ऐसे तेजतर्रार विधायक थे जो जब-तब सरकार का पक्ष रखते थे और सदन में केंद्र सरकार और एमसीडी के कटघरे में खड़ा करते थे। इनमें नितिन त्यागी, अलका लांबा, सरिता सिंह, जरनैल सिंह, संजीव झा, विजेंद्र गर्ग, मदनलाल आदि शामिल हैं। माना जा रहा है कि इनके बिना सदन में दिल्ली सरकार की रंगत फीकी रह सकती है। सदन में विपक्ष के नेता और सदस्य इन आप विधायकों की सदस्यता बर्खास्तगी पर केंद्र सरकार को घेर सकते हैं। सरकार के लिए विधानसभा सचिव प्रसन्न कुमार सूर्यदेवरा का मामला भी परेशानी का सबब बनने वाला है। सूत्र बताते हैं कि वह करीब 10 दिन से विधानसभा में नहीं आ रहे हैं, जबकि बजट सेशन में उनकी जिम्मेदारी खासी महत्वपूर्ण है। शुक्रवार को वह सदन को चलाने में सरकार का सहयोग करने के लिए आएंगे या नहीं, यह अभी तक आधिकारिक तौर पर बताया नहीं जा रहा है।
इस मसले पर दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से सुबह बात की गई। उन्होंने माना कि विधानसभा सचिव को लेकर कुछ पेच हैं। इस मसले पर वह शाम को एक रिलीज जारी करेंगे, जिसमें सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, यह पूछे जाने पर कि क्या सचिव कल सदन चलाने में सरकार की मदद करेंगे, अध्यक्ष ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया। सदन में सीलिंग का मसला भी खासी गर्माहट पैदा करेगी। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से कुछ खास विधायकों की ड्यूटी लगाई गई है जो सीलिंग को लेकर लगातार सदन में चर्चा करेंगे। इसके लिए उन्हें कुछ पॉइंट दिए गए हैं, जिसके आधार पर वह सदन में सरकार का पक्ष रखेंगे।
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