स्टैंडर्ड डिडक्शन पर राहत का लाभ प्राइवेट सेक्टर के पेंशनर्स को मिलने पर संशय
|केंद्र सरकार द्वारा बजट में 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत का लाभ प्राइवेट सेक्टर के पेंशनर्स को मिलना मुश्किल लग रहा है। हालांकि सरकारी पेंशनर्स को इस फैसले का पूरा लाभ मिलना पक्का है।
ज्यादातर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अपने एंप्लॉयर से सीधे तौर पर कोई पेंशन नहीं मिलती है। इसलिए रिटायरमेंट के बाद इन कर्मचारियों को या तो एंप्लॉयी पेंशन स्कीम(ईपीएस) से पेंशन मिलती है या फिर किसी इंश्योरेंस कंपनी से उन्होंने अगर कोई ऐन्युइटी खरीदी है तो उससे उन्हें पेंशन का भुगतान होता है। वैसे लोग जो एनपीएस में लगातार भुगतान करते रहे हैं उन्हें भी पेंशन तभी मिलेगी जब उन्होंने अपनी रिटायरमेंट में मिली राशि के एक बड़े हिस्से से कोई एन्युइटी खरीदी हो। इसकी मुख्य वजह यह है कि प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयीज को मिलने वाली पेंशन का मुख्य सोर्स ईपीएस या ऐन्युइटी ही है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार वर्तमान नियम के हिसाब से ऐन्युइटी और ईपीएस के माध्यम से पेंशन उठाने वाले कर्मचारियों को 40,000 रुपये के प्रस्तावित स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलना असंभव लग रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार प्रस्तावित स्टैंडर्ड डिडक्शन पर छूट का लाभ प्राइवट सेक्टर को देने के लिए सरकार को स्पेशल नेटिफिकेशन जारी करना पड़ेगा।
ई.वाई. के डायरेक्ट टैक्स पार्टनर सोनू अय्यर कहते हैं, ‘फाइनैंस बिल 2018 में अमेंडमेंट के बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उन लोगों को ही मिलेगा जिनकी आय सैलरीड होगी। सैलरी इनकम के पेमेंट के लिए एंप्लॉयर पर टीडीएस का ऑब्लिगेशन होता है। अभी इस बात पर संशय है कि क्या ईपीएस और एनपीएस से मिलने वाली पेंशन को सैलरीड इनकम माना जाएगा या नहीं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्ससेज (सीबीडीटी) जल्द से जल्द को मामले को साफ करना चाहिए।’
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