ऐनालिटिक्स की बदौलत सालाना लगभग 130 अरब रुपये बना रहा TCS
|देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को ऐनालिटिक्स से सालाना लगभग130 अरब रुपये का रेवेन्यू मिल रहा है। कंपनी के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने ईटी को दिए इंटरव्यू में बताया कि कंपनी के डिजिटल रेवेन्यू में ऐनालिटिक्स की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
टीसीएस को अपने कुल रेवेन्यू का 22 पर्सेंट से अधिक डिजिटल से मिलता है। मार्च में समाप्त होने वाले फाइनैंशल इयर में कंपनी को डिजिटल सेगमेंट से 193 अरब रुपये से अधिक का रेवेन्यू मिल सकता है। यह पहली बार है कि जब टीसीएस ने अपने डिजिटल रेवेन्यू का आंकड़ा बताया है। पिछले वर्ष कंपनी ने दीनानाथ खोलकर को ऐनालिटिक्स डिविजन का हेड बनाया था। इससे पहले दीनानाथ 130 अरब रुपये की रेवेन्यू वाली कंपनी के बिजनस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) सेगमेंट के प्रमुख थे।
गोपीनाथन ने कहा, ‘ऐनालिटिक्स पहले कई सेगमेंट में बंटा था और हमने इसे एकसाथ लाने का काम पूरा कर लिया है। हमें इसकी रिपोर्ट देने के तरीके जैसी चीजों के बारे में सोचना होगा। हम शायद सबसे बड़े ऐनालिटिक्स ग्रुप में से एक चला रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि टीसीएस की नील्सन के साथ 160 अरब रुपये की बड़ी डील ऐनालिटिक्स सेगमेंट में है और इससे कंपनी को यह बिजनस बढ़ाने में मदद मिली है।
पिछले वर्ष गोपीनाथन के टीसीएस की कमान संभालने के बाद से कंपनी के स्ट्रक्चर में बदलाव किया गया था और अब डिजिटल बिजनस को बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। गोपीनाथ ने सर्विस लाइंस में भी बदलाव किया था और उनका हेड कृष्णन रामानुजम को बनाया था। इंडिविजुअल सर्विस लाइंस को तीन कैटिगरी- कॉग्निटिव बिजनस ऑपरेशंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज और कंसल्टिंग एंड सर्विस इंटीग्रेशन में रखा गया है।
पिछले वर्ष टीसीएस के रेवेन्यू में 38 पर्सेंट का योगदान देने वाली ऐप्लिकेशन डिवेलपमेंट एंड मेंटेनेंस जैसी बड़ी सर्विस लाइंस को एंटरप्राइज ऐप्लिकेशन सर्विसेज, क्लाउड ऐप्लिकेशन, माइक्रो सर्विसेज जैसी छोटी यूनिट्स में बांटा गया है। क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर एक अलग यूनिट होगी। प्रत्येक यूनिट को आक्रामक टारगेट दिए गए हैं। गोपीनाथन ने बताया कि नई यूनिट्स ने अपनी टीमें बनानी शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा, ‘शुरुआती सफलता अच्छी है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और ऑटोमेशन अभी नए सेगमेंट हैं और हम इन्हें शुरुआत से तैयार कर रहे हैं। ऐनालिटिक्स एक बड़ा सेगमेंट है।’
टीसीएस की राइवल एक्सेंचर को अपने रेवेन्यू का 55 पर्सेंट से अधिक नई टेक्नॉलजीज से मिलता है। मुंबई की एक ब्रोकरेज फर्म के ऐनालिस्ट ने कहा, ‘आईटी कंपनियों को अपने डिजिटल रेवेन्यू की स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। अभी डिजिटल रेवेन्यू को लेकर प्रत्येक कंपनी की परिभाषा अलग है और इससे तुलना करना मुश्किल हो जाता है। कंपनियों का कहना है कि वे फाइनैंशल इयर 2019 में इस बारे में अधिक डेटा देंगी।’
आपको बता दें कि डिजिटल ऐनालिटिक्स प्रफेशनल अपने क्लायंट के सिस्टम का डेटा ऐनालिसिस करके उसके प्रोसेस की कमियों को बताता है, साथ ही सिस्टम में संभावित सुधार के बारे अपने क्लायंट या कंपनी को सलाह देता है। देश की टॉप देश की टॉप सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल इन्फोसिस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर यू बी प्रवीण राव ने जनवरी में ऐनालिस्ट्स को बताया था कि कंपनी के रेवेन्यू में डिजिटल टेक्नॉलजीज की 25 पर्सेंट से अधिक हिस्सेदारी है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times