AAP विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले की न्यायिक समीक्षा का चुनाव आयोग ने किया विरोध
|निर्वाचन आयोग (ECI) ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दावा किया कि लाभ के पद मामले में आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने के राष्ट्रपति के आदेश की न्यायिक समीक्षा का दायरा बहुत सीमित है और अदालतें आमतौर पर ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करती हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और चंद्र शेखर की पीठ को चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता अमित शर्मा ने सूचित किया कि ऐसे मामलों में यदि ऊपरी अदालत अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करती भी हैं, यदि इसकी अनुमति होती है तो भी अदालतें आमतौर पर उनके गुणदोष को नहीं देखती हैं।
चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित किए गए विधायकों की दलीलों का जवाब दिया है। आप सरकार के 2015 में सत्ता में आने के बाद सरकार के मंत्रियों को संसदीय सचिवों के रूप में नियुक्त किया गया। इस पर लाभ के पद मामले में दोषी पाए गए विधायकों को चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अयोग्य घोषित करने की मंजूरी दे दी थी। अयोग्य घोषित किए जाने के आदेश को विधायकों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। चुनाव आयोग की ओर से दलीलें गुरुवार को भी जारी रहेंगी।
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