जलवायु परिवर्तन से 25 फीसदी तक घट सकती है कृषि आय
|एक तरफ सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कोशिश में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ जलवायु परिवर्तन के कारण खेती से होने वाली आय में 15 से 25 फीसदी तक कमी आने की आशंका जताई जा रही है। यह आशंका सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में की गई है। ऐसे में सवाल यह है कि मोदी सरकार किसानों की आमदनी को कैसे दोगुना करेगी।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) की ओर से तापमान को लेकर लगाए गए अनुमानों के आधार पर भारत में खेती से होने वाली आय में औसतन 15 से 18 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। हालांकि यह गिरावट असिंचित भूमि वाले इलाके में 20 से 25 फीसदी रह सकती है।’
हालांकि सर्वेक्षण में यह भी जिक्र है कि सिंचाई की सुविधाओं में विस्तार और ऊर्जा व उर्वरक में अलक्षित सब्सिडी के बदले प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान कर जलवायु परिवर्तन के असर को कम किया जा सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक, खेती के वर्तमान आय स्तर पर किसानों की औसत आय 3,600 रुपये प्रति व्यक्ति घट सकती है।
गौरतलब है कि कृषि का देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 16 फीसदी हिस्सेदारी है। साथ ही, इस क्षेत्र में 49 फीसदी लोगों को रोजगार मिल रहा है। सर्वेक्षण के मुताबिक, खेती की उपज घटने से महंगाई बढ़ सकती है और किसानों को तबाही का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 14.10 करोड़ हेक्टेयर में से 7.32 करोड़ हेक्टेयर यानी 52 फीसदी कृषि भूमि असिंचित है।
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