काबुल में एम्बुलेंस में विस्फोट के बाद लोगों के बीच बढ़ रहा है गुस्सा

काबुल
अफगानिस्तान के काबुल में विस्फोटकों से भरी ऐम्बुलेंस में हुए धमाके में 100 लोगों के मारे जाने और सैकड़ों अन्यों के घायल होने के बाद राजधानी में लोगों के बीच गुस्सा बढ़ रहा है। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस हमले को लेकर तालिबान के खिलाफ ‘ठोस कार्रवाई’ की बात कही है। अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी हमले की निंदा की है। आम अफगान नागरिकों ने तेजी से बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा और दुख जताया।

काबुल में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के हमले बढ़ रहे है, जिससे यह अफगानिस्तान में नागरिकों के लिए सबसे घातक स्थान बन गया है। फरिश्ता करीम ने टि्वटर पर लिखा, ‘हम काबुल में काफी निराश हैं, क्योंकि हमें नहीं पता कि नए दिन की शुरुआत कैसे करें।’ फेसबुक पर नवेद कादरी ने लिखा, ‘यह सरकार के लिए बड़ी शर्म की बात है, वे लगातार लोगों की रक्षा करने में विफल रहे। नेताओं को गरीब लोगों का दुख समझने के लिए एक बेटा या बेटी गंवानी चाहिए।’ यह विस्फोट शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में हुआ, जहां यूरोपीय संघ समेत कई हाई प्रोफाइल संगठनों के कार्यालय हैं।

सरकार ने इस हमले के लिए तालिबान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया है। अफगान और पश्चिमी अधिकारियों को राजधानी में हाल ही में हुए कुछ हमलों में इसकी संलिप्तता का संदेह है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ज्यादातर पीड़ित नागरिक हैं। चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इस हमले से ठीक एक सप्ताह पहले तालिबान के आतंकवादियों ने काबुल के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल पर हमला किया, जिसमें 25 लोग मारे गए। मृतकों में ज्यादातर विदेशी नागरिक थे।

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