आइडिया सेल्यूलर ने मांगी 100 फीसदी विदेशी भागीदारी की इजाजत
|दूरसंचार कंपनी आइडिया सेल्यूलर ने सरकार से अनुरोध किया है कि उसे अपने यहां विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जाने की इजाजत दी जाए। कंपनी ने शुक्रवार शाम निवेशकों को दी गई सूचना में कहा कि कंपनी में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति के लिए डीआईपीपी (औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) से आवेदन किया है।
कंपनी में दिसंबर 2017 की स्थिति के अनुसार अभी विदेशी हिस्सेदारी करीब 27 प्रतिशत है। इस समय दूरसंचार कंपनियों में सीधी विदेशी हिस्सेदारी 100 प्रतिशत तक ले जायी जा सकती है, लेकिन 49 प्रतिशत से ऊपर की एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेना जरूरी है। यह शर्त सुरक्षा कारणों से रखी गई है।
आइडिया सेल्यूलर अपना कारोबार ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन के भारतीय कारोबार के साथ मिलाने का फैसला कर चुकी है और कारोबारों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। अभी वोडाफोन इंडिया का ग्राहकी के हिसाब से भारत के मोबाइल दूरसंचार बाजार में एयरटेल के बाद दूसरा स्थान है। विलय के बाद बनी कंपनी के ग्राहक 40 करोड़ से अधिक हो जाएंगे और वह बाजार की सबसे बड़ी कंपनी होगी।
स्पेक्ट्रम के हिसाब से एयरटेल 1,976 मेगाहर्ट्ज के साथ प्रथम और वोडाफोन-आइडिया 1,850 मेगाहर्ट्ज के साथ दूसरे स्थान पर होगी। नई कंपनी रिलायंस जियो (1,480 मेगाहर्ट्ज) तीसरे स्थान पर होगी। वोडाफोन -आइडिया के जॉइंट वेंचर में वोडाफोन की हिस्सेदारी 47.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।
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