ग्रोथ गिरने की वजह से टीसीएस में 85% घट गईं नई नौकरियां
|कभी जॉब-क्रिएटिंग मशीन मानी जानेवाली देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टंसी सर्विसेज (टीसीएस) अब इस मोर्चे पर तेजी से कमजोर पड़ती जा रही है। कंपनी इस वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में महज 3,657 नई नौकरियां ही दे पाई। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान दी गई नौकरियों के मुकाबले 85 प्रतिशत कम है जब 24,654 नौकरियां दी गई थीं।
पढ़ेंः TCS ने Q3 में मायूस किया, लेकिन भविष्य के लिए दिए बेहतर संकेत
दरअसल, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स कुछ वक्त से कहते आ रहे हैं कि कैंपसों से थोक में नई नौकरियां देना अब बीते दिनों की बात होती जा रही है क्योंकि कंपनियां खासकर नए युग की डिजिटल तकनीक के दौर में सामान्य कार्यों के लिए ऑटोमेशन लागू कर रही हैं और प्रमुख रूप से आला दर्जे के टैलंट को ही नौकरी पर रख रही हैं।
टीसीएस के एग्जिक्युटिव वाइस प्रेजिडेंट और ह्यूमन रिसॉर्सेज के ग्लोबल हेड अजय मुखर्जी ने कहा, ‘एक साल पहले हम अडवांस कपिसिटी बिल्डिंग कर रहे थे। हमने 40,000 कैंपस ऑफर्स दिए। हमने अपने वर्कफोर्स में 78,912 लोगों को जोड़ा और कुल मिलाकर 33,000 से 34,000 अतिरिक्त नौकरियां दीं। हमारा ध्यान अब समय पर हायरिंग करने पर है।’
टाइम्स ऑफ इंडिया ने नवंबर महीने में रिपोर्ट दी थी कि वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में टॉप छह इंडियन आईटी कंपनियों का वर्कफोर्स 13,402 घट गया जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 60,240 अतिरिक्त वर्कफोर्स जुड़े थे। कंपनियों की ग्रोथ में मंदी इसकी बड़ी वजह है। टीसीएस ने गुरुवार को अर्निंग्स रिपोर्ट दी जिसमें उसका रेवेन्यू पिछली चार तिमाहियों में सबसे कम तेजी से बढ़ा है क्योंकि उसका फाइनैंशल सर्विस ऐंड इंश्योरेंस बिजनस नेगेटिव ग्रोथ में चला गया।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times