स्वरूपानंद सरस्वती ने गाय और गंगा पर मोदी सरकार को घेरा
|द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने गाय और गंगा पर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। वाराणसी में उन्होंने कहा कि सरकार दोनों ही मसले पर गंभीर नहीं है। पीएम को अपना वचन पूरा करने के लिए गो मांस का निर्यात तुरंत बंद करना चाहिए।
स्वामी स्वरूपानंद रविवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, ‘वाराणसी में चुनाव लड़ने के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि यह सोच कर मेरा कलेजा जलता है कि भारत से गोमांस का निर्यात होता है। केंद्र में उनकी सरकार बनने के बाद भी गोमांस का निर्यात पहले की तरह जारी है। क्या अब मोदी का कलेजा नहीं जलता?’
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा, ‘मां गंगा की अविरलता हासिल करने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। वर्तमान में गंगा की जो दशा है उसे देखकर नहीं लगता कि गंगा को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। गंगा में देव प्रतिमाओं का विसर्जन तो रोक दिया गया, लेकिन नालों का गिरना नहीं रोका जा सका है। दिखावे के लिए गंगा मंत्रालय तो बना दिया पर गंगा पर बनने वाले बांधों को रोका नहीं गया। वर्तमान में हकीकत यही है कि प्रयाग और काशी में गंगा में गंगा जल है ही नहीं। गंगा के मौलिक स्वरूप को बनाए रखने की कोशिश करने की बजाए अनर्गल बातों के जरिए सनातनी समाज को भ्रमित किया जा रहा है। सनातनी लोग गंगा के प्रदूषित जल में स्नान करके मर जाएंगे, लेकिन गंगा को नहीं छोड़ेंगे।’
अभिषेक उचित
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य के रूप में अपने अभिषेक को स्वरूपानंद ने धर्म ही नहीं न्यायालय की दृष्टि से भी उचित बताया। उन्होंने कहा कि भारत धर्म महामंडल (एक धड़े) ने जिस विधान का पालन करते हुए उनका अभिषेक किया है, वह किसी भी दृष्टिकोण से गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1973 में ज्योतिष पीठ पर अभिषिक्त होने के बाद से मैंने कई चतुर्थ पीठ सम्मेलनों में दोनों ही पीठों का प्रतिनिधित्व किया है। अन्य दो पीठों के शंकराचार्यों ने भी मुझे ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य स्वीकार किया है।
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