नेताओं की प्रॉपर्टी होगी सील, होटल भी टारगेट पर
|सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी आज साउथ दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में बड़ा एक्शन करने जा रही है। वहां डीडीए जमीन पर कब्जा कर बनाई नेताओं की प्रॉपर्टी को भी सील करने का टारगेट रखा गया है। इलाके में एक बड़ा होटल भी सील भी किया जाएगा और दो-एक रेस्तरां पर भी ताले जड़े जाएंगे। निर्णय लिया गया है कि सीलिंग का विरोध और उपद्रव करने वालों को मौके पर ही गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। इस इलाके में कमिटी ने दस साल पहले भी एक्शन किया था, लेकिन नेताओं ने वहां फिर से निर्माण कर लिए थे।
सूत्र बताते हैं कि मॉनिटरिंग कमिटी के आदेश पर साउथ एमसीडी वंसत कुंज इलाके में बड़ा एक्शन करेगी। वहां वसंत कुंज रिहायशी कॉलोनी और गांव किशनगढ़ के बीच बसी प्रॉपर्टी को टारगेट पर लिया जाएगा। बताते हैं कि डीडीए की इस जमीन पर कब्जा कर स्थानीय नेताओं और रसूखवाले लोगों ने बड़ी-बड़ी प्रॉपर्टी का निर्माण कर लिया है। इस इलाके में दुकानों के अलावा अपार्टमेंट तक बना लिए गए हैं, जिसमें अलग-अलग प्रॉपर्टी को करोड़ों रुपये में बेचा भी जा रहा है। इसके अलावा इस इलाके में छोटे बड़े कई होटल व रेस्तरां भी बना लिए गए हैं और इनके चारों तरफ भी सरकारी जमीन को घेरकर उसका प्राइवेट इस्तेमाल किया जा रहा है।
मॉनिटरिंग कमिटी के सूत्रों के अनुसार आज उसके निशाने पर यही प्रॉपर्टी हैं। हाल ही में डीडीए के आला अफसरों को बुलाकर इस जमीन की तहकीकात की गई थी, जिसमें पता चला कि वहां तो बड़े पैमाने पर कब्जा हो चुका है। कमिटी तक यह जानकारी भी आ गई है, इनमें कई प्रॉपर्टी बीजेपी व कांग्रेस नेताओं की हैं, इसलिए वहां एक्शन करने के लिए भारी पुलिस बल भी रहेगा। कमिटी सूत्रों के अनुसार फिलहाल आज वहां अवैध निर्माणों को सील किया जाएगा, बाद में उन्हें ध्वस्त भी किया जा सकता है। इस एक्शन में इलाके का बड़े होटल को भी सील किए जाने की पूरी संभावना है। बताते हैं कि कमिटी यह निर्णय ले चुकी है कि मौके पर अगर लोगों ने ज्यादा विरोध किया या उपद्रव करने का प्रयास किया तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। यह कवायद इसलिए की जा रही है ताकि आगामी दिनों में होने वाले एक्शन में कोई गड़बड़ी न हो।
गौरतलब है कि जिस जमीन पर आज मॉनिटिरंग कमिटी एक्शन करने जा रही है वह वसंत कुंज मेन रोड की प्राइम लैंड है। सालों पहले डीडीए ने इसे ग्रीन एरिया विकसित करने के लिए छोड़ा था, लेकिन महंगा इलाका होने के कारण लोगों ने इस जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। सूत्र बताते हैं कि बहुत बड़ा इलाका अवैध निर्माण की जद में आ चुका है और इसमें विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी शामिल हैं। दस साल पहले मॉनिटरिंग कमिटी ने इस जमीन पर बड़ा एक्शन कर कई प्रॉपर्टी को धराशाई कर दिया था। लेकिन बाद में यहां फिर से अवैध निर्माण कर लिए गए।
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