अब प्रफेशनल टैक्स की मार!
|अपनी माली हालत को सुधारने के लिए नॉर्थ एमसीडी अपने क्षेत्र के लोगों पर टैक्स का बोझ डालने जा रही है। अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए प्रफेशनल टैक्स तो लगा ही रही है साथ ही जिन इलाकों या कॉलोनियों को सामान्य से अधिक सुविधाएं मिल रही हैं, उन पर भी बेटरमेंट टैक्स लिया जाएगा। प्रॉपर्टी टैक्स से इनकम बढ़ाने के लिए उसे भी तर्कसंगत किया जा रहा है। यह सारी प्रस्तावित टैक्स बढ़ोतरी आज पेश होने वाले नॉर्थ एमसीडी के बजट में हो रही है।
कमिश्नर मधुप व्यास आज नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति की बैठक में अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करने जा रहे हैं। बजट में उनका फोकस एमसीडी की बिगड़ती माली हालत को सुधारना है। इसके लिए वे दो नए टैक्स लाने जा रहे हैं, साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स से कमाई करने के लिए उसको भी तर्कसंगत करने जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि नॉर्थ एमसीडी के लोगों पर प्रफेशनल टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसके अनुसार जो भी व्यक्ति चाहे वह सरकारी नौकरी करता हो, दुकान चलाता हो, बिजनेस करता हो या प्रफेशनल हो। अगर उसकी सालाना इनकम ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये है तो उससे साल का 1200 रुपये प्रफेशनल टैक्स लिया जाएगा। अगर उसकी सालाना कमाई पांच से दस लाख रुपये है तो उसे एमसीडी को साल में 2400 रुपये टैक्स के रूप में चुकाने होंगे। अगर उसकी कमाई दस लाख रुपये ऊपर है तो उस व्यक्ति को 2500 रुपये साल टैक्स देना होगा। सालाना ढाई लाख रुपये से कम कमाई वाले व्यक्ति को इस टैक्स से अलग रखा गया है।
इसके अलावा नॉर्थ एमसीडी कमिश्नर बैटरमेंट टैक्स के नाम से एक और कर लाने जा रहे हैं। यह टैक्स उन इलाकों या कॉलोनियों पर लगेगा, जिनको सामान्य से अधिक सुविधाएं मिल रही हैं। जैसे कि उनके इलाके में मेट्रो चलती है, बिजली पानी की सुविधाएं बेहतर है और ट्रांसपोर्ट सिस्टम दूसरे इलाकों से ज्यादा सुविधाजनक है। इस बैटरमेंट टैक्स को प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही लिया जाएगा। यह टैक्स भी सालाना होगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि कमिश्नर अपने बजट में प्रॉपर्टी टैक्स को बढ़ाने तो नहीं जा रहे हैं, लेकिन उसे तर्कसंगत करने जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रॉपर्टी टैक्स भरें, साथ ही टैक्स धारकों को भी उसे भरने में आसानी रहे। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए टैक्स की कैटिगरी में तो कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन रिहायशी व गैर रिहायशी प्रॉपर्टी पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स स्लैब को कम किया जा सकता है।
सूत्र बताते हैं कि कमिश्नर इस टैक्स को आज पेश तो कर देंगे, लेकिन इसे फाइनल एमसीडी के नेता करेंगे। बजट को लेकर करीब दो माह तक बहस और विचार-विमर्श होगा। उसके बाद ही टैक्स लगाने पर निर्णय लिया जाएगा। वैसे एमसीडी के विभाजन के बाद से ही नॉर्थ एमसीडी जबर्दस्त आर्थिक संकट से जूझ रही है। हालात यह हो रहे हैं कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है और वेतन न मिलने से गुस्साए सफाई कर्मी व अन्य विभागों के लोग जब-तब हड़ताल कर रहे हैं। एमसीडी सूत्रों के अनुसार उसे हर माह वेतन पर 290 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन एमसीडी की अपनी कमाई इतनी नहीं है कि वह वेतन का खर्च निकाल सके। इसके लिए लगातार दिल्ली सरकार के ओर ताकना पड़ता है। इसी आर्थिक संकट से उबरने के लिए आज नए टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाया जा रहा है।
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