आंबेडकर पर कुमार विश्वास के बयान से AAP को भारी नुकसान की आशंका
|आम आदमी पार्टी (आप) के कुमार विश्वास पर संविधान निर्माता भीमराव आंबेडकर के अपमान का आरोप लग रहा है। इससे जुड़ा एक विडियो सोशल मीडिया में चल रहा है। कई जगह उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कुमार विश्वास ने इसमें उन लोगों का हाथ बताया है जो आप कमजोर करना चाहते हैं। हालांकि, आप सूत्रों का मानना है कि कुमार के इस बयान से पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
दिल्ली में चुनाव जीती तो उस वक्त यह साफ दिखा कि तब तक कांग्रेस का वोटबैंक माने जाने वाले दलित समुदाय ने आप के पक्ष में वोट डाला। पंजाब में भी विधानसभा चुनाव लड़ते वक्त आप ने ऐलान किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो डेप्युटी सीएम कोई दलित ही होगा। लेकिन अब पार्टी नेता कुमार विश्वास पर लग रहे आंबेडकर के अपमान के आरोप के बाद पार्टी परेशान है।
पार्टी नेताओं ने माना कि इससे पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी कुमार विश्वास के बयान से खुद को अलग करने का ऐलान करने पर विचार कर रही है। हालांकि पार्टी प्रवक्ता आशुतोष इसे लेकर ट्वीट कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया ‘आरक्षण का विरोध करने वाले मनुवादी कुंठित मानसिकता से ग्रस्त है । इन्हें न मुल्क की समझ है और न ही दलितों की सदियों की पीड़ा का अहसास है । ये आरएसएस के पिठ्ठू हैं । संघ की दलित विरोधी नीति को देश पर थोपना चाहते हैं ।’ आप के एक नेता ने कहा कि जब संघ प्रमुख ने आरक्षण को लेकर एक टिप्पणी की तो उसका खामियाजा बीजेपी को बिहार चुनाव में भुगतना पड़ा। कुमार विश्वास ऐसा क्यों कह रहे हैं और किसके इशारों पर कर रहे हैं यह समझ से परे है।
कुमार विश्वास ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा कि जो षडयंत्र करके, अपयश फैलाकर लोगों पर आरोप लगाकर धीमे-धीमे संगठन को कमजोर करते रहे हैं वही सब लोग फिर से सक्रिय हो गए हैं। उसी तरह से भाषणों की काटछांट शुरू हो गई है। कुमार ने कहा कि दो महीने पहले पार्टी ऑफिस में राजस्थान के पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए मैंने एक बात कही थी कि नब्बे के दशक में आरक्षण आंदोलन के दौरान एक व्यक्ति ने हमारे बीच जातियों की खाई बहुत बड़ी कर दी थी। सब जानते हैं कि नब्बे के दशक में मंडल कमिशन की सिफारिशों को लागू करने का काम वीपी सिंह ने किया था। उसके कारण ही भारत में राजनीतिक रूप से जातियों के बीच विद्वेष की बढ़ोतरी हुई है। कुमार विश्वास ने कहा कि उसे काटछांट करके हमारे दलित उद्धारक और संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर के साथ जोड़कर फैलाने की कोशिश की गई। जिसका कार्यकर्ताओं ने मुकाबला किया और जवाब दिया।
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