नॉर्थ कोरिया पर ट्रंप के दावे को चीन ने किया खारिज, कहा- हम अब भी ‘फ्रीज फॉर फ्रीज प्लान’ के साथ
|चीन ने नॉर्थ कोरिया के मुद्दे पर अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। चीन ने गुरुवार को इस बात से साफ इनकार किया कि उसने नॉर्थ कोरिया परमाणु संकट को सुलझाने के अपने पुराने प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। जबकि एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि पेइचिंग अपनी पॉलिसी को छोड़ने पर राजी हो गया है। गौरतलब है कि पेइचिंग काफी समय से ‘ड्यूल ट्रैक अप्रोच’ की बात करता रहा है। वह चाहता है कि इस संकट को सुलझाने के लिए पहले अमेरिका क्षेत्र में सैन्य अभ्यास बंद करे तो नॉर्थ कोरिया अपने हथियार कार्यक्रम को फ्रीज करेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपना प्लान बदल दिया है। ट्रंप ने कहा, ‘राष्ट्रपति शी मानते हैं कि परमाणु संपन्न नॉर्थ कोरिया से चीन को बड़ा खतरा है। हम इस बात पर सहमत हैं कि फ्रीज या फ्रीज समझौते जैसा कुछ नहीं करेंगे क्योंकि यह पहले विफल साबित हुआ है। हमने माना है कि समय निकलता जा रहा है और हमारे सामने सभी विकल्प खुले हैं।’
लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि पेइचिंग का इस परमाणु मसले पर रुख लगातार स्थिर और स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि सेना का इस्तेमाल इस संकट को सुलझाने का विकल्प नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों में संदेहास्पद गतिविधियों को बंद करना ही सबसे वास्तविक, व्यावहारिक और सही प्लान होगा।’ इस बीच शी अपने एक विशेष दूत को नॉर्थ कोरिया भेज रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान परमाणु मसले पर चर्चा हो सकती है।
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इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वह नॉर्थ कोरिया के तानाशाह को परमाणु हथियारों का डर दिखाकर दुनिया को ब्लैकमेल नहीं करने देंगे। उन्होंने प्योंगयांग के परमाणु हथियारों को नष्ट करने के लिए वैश्विक अभियान शुरू करने की बात कही, जिससे किम जोंग-उन पर अधिकतम दबाव बनाया जा सके। 12 दिवसीय अपनी पहली एशिया यात्रा के बाद स्वदेश लौटे अमेरिकी राष्ट्रपति ने टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि नॉर्थ कोरिया उनकी प्राथमिकता सूची में टॉप पर है। उन्होंने कहा कि हम नॉर्थ कोरिया को ‘न्यूक्लिर ब्लैकमेल’ कर दुनिया को बंधक बनाने की इजाजत नहीं देंगे।
ट्रंप ने कहा कि चीन की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह नॉर्थ कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को पूरी ईमानदारी से लागू करेंगे। चिनफिंग ने यह भी कहा है कि वह कोरियाई क्षेत्र को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के सामूहिक मकसद को पूरा करने के लिए नॉर्थ कोरिया सरकार पर अपने आर्थिक प्रभाव का भी इस्तेमाल करेंगे। ट्रंप ने दक्षिण कोरिया की नैशनल असेंबली में अपने संबोधन का भी जिक्र किया। पिछले कुछ समय से ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन एक दूसरे पर जुबानी हमले करते आ रहे हैं। उधर, प्योंगयांग ऐसी मिसाइलें विकसित करने में लगा है, जिससे अमेरिका भी उसकी जद में आ सके।
अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैंने चीन, रूस समेत दुनिया के सभी देशों से नॉर्थ कोरिया सरकार को अलग-थलग करने के लिए एकजुट होने को कहा है। उससे सभी कारोबारी संबंध खत्म किए जाएं जब तक कि वह खतरनाक गतिविधियां करना बंद ना कर दे। हमें नॉर्थ कोरिया को परमाणु मुक्त करना है।’ ट्रंप ने आगे कहा कि कूटनीतिक धैर्य की नाकाम रणनीति से हमने किनारा कर लिया है और उसका महत्वपूर्ण असर भी संयुक्त राष्ट्र के कड़े और नए प्रतिबंधों के तौर पर देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद हमारे साथ है।
उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया उन लोगों पर शिकंजा कस रहा है, जिससे नॉर्थ कोरिया को फंडिंग होती है। उन्होंने बताया कि एशिया दौरे के समय दुनिया के कई देशों के नेताओं ने बताया कि वे नॉर्थ कोरिया से कारोबार में कटौती कर रहे हैं और नॉर्थ कोरिया के राजनयिकों और कामगारों को देश से बाहर कर रहे हैं। हाल ही में ट्रंप जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम, फिलीपींस के दौरे से लौटे हैं। गौरतलब है कि सितंबर में नॉर्थ कोरिया ने अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था। देश की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने इसे हाइड्रोजन बम बताया था। इसके बाद से कोरियाई क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है।
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