स्पीकर लिस्ट में नाम नहीं, विश्वास बोले- पार्टी को जब जरूरत थी तब मेरी ही आवाज का हुआ इस्तेमाल
|आम आदमी पार्टी में एक बार फिर कुमार विश्वास को लेकर अविश्वास नजर आ रहा है। पार्टी की 2 नवंबर को नैशनल काउंसिल की मीटिंग है जिसमें स्पीकर लिस्ट में कुमार विश्वास का नाम शामिल नहीं है। पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कुमार विश्वास सक्रिय नहीं हैं इसलिए उनका नाम लिस्ट में नहीं है। वहीं कुमार विश्वास ने पार्टी के कुछ नेताओं को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जब जब पार्टी को जरूरत हुई है तब मेरी ही आवाज का इस्तेमाल हुआ है और अब अगर कुछ लोग असहमति की आवाज दबाना चाहते हैं तो लोग यह देख रहे हैं।
पहली बार कुमार विश्वास का नाम नहीं
पंजाब और गोवा विधानसभा के नतीजों के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी के कुछ नेताओं को लेकर कई सवाल उठाए थे। बाद में उन्हें राजस्थान का प्रभारी बना दिया गया। लेकिन विश्वास को लेकर अविश्वास अब भी नजर आ रहा है। कुमार विश्वास भी पार्टी के कुछ नेताओं पर लगातार निशाना भी साध रहे हैं। 2 नवंबर को नैशनल काउंसिल मीटिंग में पार्टी की तरफ से मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह, आशुतोष और अरविंद केजरीवाल बोलेंगे पर कुमार विश्वास का नाम इसमें नहीं है।
कुमार विश्वास ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि अब तक नैशनल काउंसिल की चार मीटिंग हुई है जिसमें मैंने संचालन किया है या मुख्य रूप से मैं स्पीकर रहा। तीसरी मीटिंग में तो सिर्फ मैं और अरविंद केजरीवाल ही बोले थे। जब किसी राजनीतिक दल की तरफ से पार्टी को बहस की चुनौती मिली तब भी पार्टी की तरफ से यही कहा गया कि हमारी तरफ से कुमार विश्वास बोलेंगे। अब हो सकता है कि पार्टी को मेरा बोलना पसंद नहीं आ रहा हो।
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यह पूछने पर कि क्या वह पार्टी के दूसरे नेताओं से इस बारे में बात करेंगे कि उनका नाम स्पीकर लिस्ट में क्यों नहीं है? कुमार ने कहा कि कोई अपने घर में यह नहीं कहता कि मुझे भी खाना दे दो। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी आंदोलन से निकली पार्टी है, कोई कहीं भी चला गया हो पर मैं अभी भी रामलीला मैदान में खड़ा हूं। मेरे घर पर यह पार्टी बनी थी और अगर कुछ लोग फाउंडर की ही राजनीतिक हत्या करना चाह रहे हैं तो यह इतिहास देखेगा।
सक्रिय नहीं हैं कुमार!
स्पीकर लिस्ट में कुमार का नाम न होने पर पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि कई दूसरे पीएसी मेंबर का नाम भी स्पीकर लिस्ट में नहीं है। उन्होंने कहा कि कुमार अब सक्रिय भी नहीं हैं। राजस्थान को लेकर भी उन्होंने एक मीटिंग के अलावा कुछ नहीं किया। क्या इस तरह के विवाद से पार्टी को नुकसान नहीं होगा, यह पूछने पर कुमार ने कहा कि यह पार्टी के लीडर को देखना होगा।
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उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ व्यक्तिगत झूठे आरोप छह महीने से लगाए जा रहे हैं। पार्टी के बड़े नेता, जिनके ट्विटर हैंडल को फॉलो करते हैं उन्होंने मुझ पर कई गंदे झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ‘यह भी देखना होगा कि जहां भी बीजेपी हारने की स्थिति में होती है वहां कौन ऐसा करता है। उत्तराखंड में जहां बीजेपी के खिलाफ माहौल था वहां चुनाव लड़ने से किसने मना किर दिया और किसने कहा कि गोवा में चुनाव लड़ेंगे। राजस्थान में जहां लोग बीजेपी को सत्ता से हटना चाहते हैं वहां हमारी लड़ाई को कौन कमजोर कर रहा है।’
यह पूछने पर कि क्या पार्टी के भीतर के लोग ऐसा कर रहे हैं, कुमार ने कहा ‘ये वही लोग हैं जिन्होंने पार्टी के लिए कोई दर्द नहीं झेला और पार्टी में पैराशूटर हैं, इन्होंने ही ‘राजनीतिक हत्याओं’ का दौर शुरू किया। लोगों को भड़काना और उनके खिलाफ कैंपेन चलाना इनका काम है।’ कुमार ने कहा कि भले कोई कुछ भी कर ले लेकिन चक्रव्यूह से घिरा अभिमन्यु ही महारथी कहलाता है और उसे मारने वाले कायर कहलाते हैं।
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