‘ये म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट आखिर कौन साहब हैं?’

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

साउथ एमसीडी के वरिष्ठ नेता और पार्षद अपने चारों जोन के म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट से खासे ‘आतंकित’ हैं। वे इस बात से परेशान हैं कि ये गंदगी करने वालों का अधिकतम चालान 500 रुपये काट सकते हैं, लेकिन वे हर तरह का चालान और वो भी पांच हजार रुपये का काट रहे हैं। विधि विभाग के आला अधिकारी भी कह रहे हैं कि मजिस्ट्रेट नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और इनकी शिकायतें लगातार कोर्ट में की जा रही हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। अब इनका लीगल स्टेटस पता किया जा रहा है।

एमसीडी की सर्वोच्च स्थायी समिति में हाल ही में यह मसला खूब उठा। अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आला अफसरों से पूछा कि क्या हर जोन में नियुक्त म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट को पांच हजार रुपये का चालान काटने का अधिकार है और क्या वे किसी भी नियम के उल्लंघन पर चालान काट सकते हैं। उन्होंने अफसरों से यह भी पूछा कि क्या ये रोज 20 चालान काट रहे हैं। बैठक में नेता सदन शिखा राय और नेता विपक्ष अभिषेक दत्त ने इनकी कार्यप्रणाली पर हैरानी जताई और पूछा कि किन नियमों के आधार पर इनकी नियुक्ति की गई और किस कानून के आधार पर इन्हें पावर मिली हुई है। नेताओं का कहना था कि गरीब लोगों तक के चालान काटे जा रहे हैं और वे बेचारे चालान भुगतने के लिए खासे परेशान हो रहे हैं।

बैठक में मौजूद विधि विभाग के आला अफसरों ने जो उत्तर दिया, उसने नेताओं का खासा सकते में डाल दिया। उनका कहना था कि इनकी नियुक्ति हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद की गई है। हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार ये मजिस्ट्रेट मात्र गंदगी का चालान काट सकते हैं। लेकिन ये हर कोताही पर चालान काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये धारा 321 व 322 के तहत चालान काटते हैं, जो इनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है और जो नियम है, उसके अनुसार यह सिर्फ 500 रुपये तक का ही चालान काट सकते हैं। लीगल अधिकारियों के अनुसार हम इन्हें नियमों का हवाला देते हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं होती है। नेताओं ने पूछा कि आखिर इस समस्या का हल क्या है तो अफसरों के जवाब ने उन्हें और परेशानी में डाल दिया।

अफसरों के अनुसार इस मसले को लेकर वे हाई कोर्ट जाते हैं। वहां इनको लेकर होने वाली बैठकों में हम बताते हैं कि म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट गलत चालान काट रहे हैं और अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। अफसरों के अनुसार हाई कोर्ट भी मान रहा है कि गलत हो रहा है और कोर्ट द्वारा इन्हें बार-बार आदेश दिए जाते हैं कि आप नियमों का उल्लंघन न करें, लेकिन मसला सुलझ ही नहीं रहा है। अफसरों ने कहा कि यह जरूर है कि इनके द्वारा जो चालान काटे जा रहे हैं उसकी राशि एमसीडी को मिल रही है। लेकिन नेताओं का कहना है कि इसके बावजूद लोग खासे तनाव में हैं। नेताओं ने लीगल अफसरों को आदेश दिए हैं कि वे इनका स्टेटस और पावर पता करें, ताकि इस मसले को हल किया जा सके।

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