आभूषण विक्रेताओं को इस धनतेरस कारोबार में ज्यादा उछाल की उम्मीद नहीं
|संगठित क्षेत्र के कारोबारियों को हालांकि इस बार बिक्री में 10 से 35 प्रतिशत तक उछाल आने की उम्मीद है। पी.सी. ज्वैलर्स, कल्याण और तलवार संस सहित संगठित क्षेत्र के आभूषण विक्रेताओं को कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है। उनका मानना है कि लोगों को बेहतर ालिटी और डिजाइन उत्पादों में भरोसा बढ़ा है। ग्राहक प्रतिस्पर्धी दाम पर अच्छी गुणवाा का सामान खरीदना चाहता है।
देश में सोने के आभूषणों की बिक्री में असंगठित क्षेत्र का योगदान करीब 70 प्रतिशत तक है जबकि संगठित क्षेत्र का हिस्सा धीरे धीरे बढ़ रहा है।
दिवाली से पहले पड़ने वाले धनतेरस के त्योहार को सोना, चांदी और दूसरे कीमती सामान खरीदने के लिये बेहतर दिन माना जाता है। उारी और पश्चिमी भारत में इस त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण व्यापार महासंध जीजेएफ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, इस बार कुल बिक्री पिछले साल के बराबर ही रहेगी। विभिन्न कारणों से सोने की मांग पर असर पड़ा है।
ज्यादातर खरीदार अधिक खरीद नहीं कर रहे हैं, सांकेतिक खरीदारी ही कर रहे हैं। सोने के दाम सामान्य स्तर पर होने के बावजूद ज्यादा खरीदारी नहीं हो रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कारोबार के सही सही आंकड़े मध्यरात्रि तक ही पता चलेंगे।
खंडेलवाल ने कहा, सरकार ने हालांकि, अपने ग्राहक को जानो नियमों में छूट दी है। इसके बावजूद ज्यादातर ग्राहक ईएमआई पर आटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रानिक वस्तुओं की खरीदारी कर रहे हैं। जहां तक आभूषण उद्योग की बात है, 18 कैरेट के सोने, प्लेटिनम और हीरे के आभषणों पर ईएमआई की सुविधा उपलब्ध है। 22 और 24 कैरेट सोने के आभूषणों पर यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
सोने का भाव आज राष्ट्रीय राजधानी में 30,710 रुपये प्रति दस ग्राम रहा जो कि एक साल पहले धनतेरस के दिन 30,590 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर था।
जारी भाषा
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