मेरठ रैली से पहले मायावती को झटका
|उत्तर प्रदेश में खिसकते जनाधार के चलते बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से लोगों का अलविदा कहना जारी है। अब पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक दिलनवाज खां ने बीएसपी को अलविदा कह दिया है। 18 सितंबर की मायावती की मेरठ रैली से पहले कुछ और असरदार नेताओं के पार्टी छोड़ने की आशंका जताई जा रही हैं। माना जा रहा है कि रैली के लिए चंदा जमा करने के लिए की जा रही सख्ती भी इसकी एक वजह हो सकती है।
वेस्ट यूपी की स्याना विधानसभा सीट से पूर्व विधायक दिलनवाज खां खानदानी राजनीतिज्ञ हैं। उनके दादा मुमताज अली खां मंत्री रहे। पिता इम्त्यिज मोहम्मद खां विधायक रहे। खुद दिलनवाज खां बुलंदशहर की स्याना सीट से 2012 में कांग्रेस विधायक चुने गए। विधानसभा चुनाव 2017 से पहले ही वह बीएसपी में शामिल हे थे और स्याना से ही बीएसपी के प्रत्याशी बने थे।
शुक्रवार को उन्होंने बीएसपी को अलविदा कह दिया। इस्तीफा देने की वजह उन्होंने निजी कारण बताए हैं। दिलनवाज खां के करीबियों का कहना है कि 18 सितंबर की मेरठ रैली के लिए लगातार पैसे की मांग की जा रही थी, जिसको पूरा करना मुनासिब नहीं था। इसलिए पार्टी से अलग होना ही बेहतर रहा।
दरअसल, वेस्ट यूपी में बीएसपी से जुड़े नेता लगातार पार्टी से अलग हो रहे हैं। इससे पहले मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद अमीर अलाम और पूर्व विधायक नवाजिश आलम भी इस्तीफा दे चुके हैं। मेरठ के पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रशांत गौतम और पूर्व जिलाध्यक्ष अश्वनी कुमार पार्टी छोड़ चुके हैं।
यही नहीं मेरठ की सिवाल खास सीट से इस बार चुनाव लड़े नदीम चौहान, गढ़ से विधायक रहे हाजी शब्बन भी बीएसपी को अलविदा कह चुके हैं। वेस्ट यूपी के प्रभारी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकालने के बाद गाजियाबाद से प्रत्याशी रहे जमालुद्दीन समेत कई दूसरे नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। गौरतलब कि मेरठ में एक महीने में दो बार मंडल संगठन की बैठक में रैली के लिए पैसे इकट्ठा करने के नाम पर हंगामा हो चुका है।
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