नॉर्थ एमसीडी: पहली मीटिंग में पार्षदों ने किया हंगामा
| नई दिल्ली
नॉर्थ एमसीडी सदन की पहली बैठक में सोमवार को कार्रवाई शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्षदों ने हंगामा किया। मेयर ने उन्हें शांत कराया और कार्यवाही शुरू की। डेंगी, चिकनगुनिया और मलेरिया का मुद्दा जैसे ही सामने आया पार्षदों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। करीब ढाई घंटे तक सदन की कार्यवाही चली और इस दौरान पार्षदों ने अलग-अलग मुद्दों पर हंगामा किया। सदन में किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी।
विपक्ष के नेता राकेश कुमार ने सदन में सफाई कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नॉर्थ, साउथ और ईस्ट एमसीडी मिलाकर कुल 27541 सफाई कर्मचारी हैं। इनमें से करीब 17141 सफाई कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इन कर्मचारियों को न तो वेतन समय पर मिलता है और न ही इन्हें नियमित सफाई कर्मचारियों की तरह भत्ता ही दिया जाता है।
दिल्ली में डेंगी, चिकनगुनिया और मलेरिया के बढ़ते मामलों को पार्षदों ने उठाया। कांग्रेस पार्षद मुकेश गोयल ने कहा कि निगम अधिकारी भले ही यह दावा करें कि जलजनित बीमारियां कंट्रोल में हैं, लेकिन सच्चाई इससे काफी अलग है। उन्होंने अधिकारियों और बीजेपी पार्षदों पर आरोप लगाया कि उत्तरी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में डीजल और दवाइयों की कमी के चलते मच्छरों की ब्रीडिंग को खत्म करने के लिए फोकल स्प्रे ही नहीं कराया गया है। इस मुद्दे को लेकर भी हंगामा हुआ।
सदन में जितने भी मुद्दों पर चर्चा की गई, उन सभी मुद्दों पर ‘आप’ और कांग्रेस के पार्षदों ने हंगामा किया। अंत में ओल्ड एज पेंशन को लेकर हंगामा किया गया। पार्षदों ने कहा कि लोगों को कई सालों से पेंशन नहीं मिली है। लोग परेशान हैं और भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
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