रामजस विवाद: एबीवीपी की तरफ से संघ ने संभाला मोर्चा
|दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से शुरू हुए विवाद पर अब संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की तरफ से मोर्चा संघ ने संभाल लिया है। संघ का मानना है कि इस पूरे मामले को जिस तरह से हैंडल किया जाना चाहिए था एबीवीपी उस तरह से हैंडल नहीं कर पाया है।
संघ के एक प्रचारक के मुताबिक यह विवाद दो स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन का विवाद नहीं है बल्कि यह दो आइडियॉलजी का विवाद है। उन्होंने कहा कि लेफ्ट की तरफ से स्टूडेंट्स के साथ फैकल्टी मेंबर तक लड़ रहे हैं और एबीवीपी ने शुरू में इसे महज स्टूडेंट्स के बीच का विवाद समझा। जिस वजह से यह मामला वह सही से हैंडल नहीं कर पाए।
सूत्रों के मुताबिक अब पूरी कमान संघ के लोगों ने संभाल ली है। संघ लगातर हर घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। संघ की पहल पर ही संघ से जुड़े टीचर्स असोसिएशन ने भी मार्च निकाला और अब संघ के दूसरे संगठन भी इस मसले पर बोलने लगे हैं।
संघ के एक सीनियर पदाधिकारी के मुताबिक इंटलैक्चुअल स्पेस में लेफ्ट आइडियॉलजी की घुसपैठ पहले से रही है और इसलिए यूनिवर्सिटी कैंपस में उनकी ज्यादा धमक दिखाई देती है। इसलिए एबीवीपी के साथ कैंपस के भीतर उस तरह खड़े होने वाले लोग कम हैं जैसे लेफ्ट के साथ फैकल्टी दिखाई देती है। संघ ने पिछले कुछ वक्त में इंटलैक्चुअल स्पेस में भी ज्यादा जगह लेने की कोशिश शुरु की है और कैंपस में उड़ान थिएटर फेस्टिवल जैसे कार्यक्रम इसी कोशिश का हिस्सा हैं।
एक थिंक टैंक ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ में एक रिसर्च पब्लिश हुई है जिसमें कहा गया है कि एबीवीपी और लेफ्ट के बीच देश के अलग-अलग कैंपस में हो रहे विवाद लेफ्ट और संघ के बीच चल रही तीखी आइडियॉलजिकल लड़ाई का ही नतीजा है।
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