सड़क पर संतरे बेचने को मजबूर है राष्ट्रीय स्तर की गोल्ड मेडलिस्ट
|देश में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की स्थिति क्या है, यह जानकर चौंक जाएंगे आप। ताजा मामला असम का है। यहां पर तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुकी खिलाड़ी बुली बासुमैत्री अब हाइवे किनारे संतरे बेचने को मजबूर हैं। वह पिछले तीन साल से चिरांग हाइवे पर संतरे बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं।
बासुमैत्री ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं। इसके आधार पर उन्होंने असम पुलिस में नौकरी के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन आज तक उन्हें पुलिस महकमे में नौकरी नहीं मिल पाई। 2010 में किसी शारीरिक समस्या के कारण बासुमैत्री को अपने पसंदीदा खेल तीरंदाजी को अलविदा कहना पड़ा। इसके बाद उनके जीवन में कठिनाइयों का दौर शुरू हो गया और अपने और अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए संतरे बेचने का फैसला लेना पड़ा। बासुमैत्री की दो बेटियां भी हैं, जिनकी क्रमश: उम्र 2 और 3 साल है।
Chirang (Assam): Buli Basumatary, once a national-level gold medallist archer, is now living life as a street vendor. pic.twitter.com/rZRZU6EpgQ
— ANI (@ANI_news) February 14, 2017
इस तीरंदाज ने राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों मेडल अपने नाम किए हैं। भले ही सरकार खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए खिलाड़ियों को नौकरी देने की बात कहे, लेकिन ऐसा होता नहीं है। राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी की ऐसी हालत देख खेलों में अपना भविष्य टटोल रहे दूसरे युवा खिलाड़ियों को भी सरकार की इस बेरुखी से झटका लग सकता है।
I’ve been selling oranges since 3yrs now; Have won many medals;I applied for a job in Assam police but didn’t get it: Archer Buli Basumatary pic.twitter.com/P2Ogjw9Rha
— ANI (@ANI_news) February 14, 2017
बासुमैत्री की एक राष्ट्रीय स्तर की पदक विजेता खिलाड़ी से लेकर संतरे बेचने तक कहानी खेलों के प्रति सरकारी रवैये की पोल खोलने के लिए काफी है। सरकार दो बार की राष्ट्रीय चैंपियन और सब-जूनियर नैशनल लेवल पर रजत पदक विजेता को आज तक कोई आर्थिक मदद मुहैया नहीं करा पाई है।
We’ll appoint Buli Basumatary as archery coach next week; Later, will give short-term training in Punjab-Pallab Lochan Das, Assam Sports Min pic.twitter.com/lUuNPQJkrc
— ANI (@ANI_news) February 14, 2017
हालांकि अब राज्य सरकार की ओर से बासुमैत्री को मदद की बात कही जा रही है। असम के खेल मंत्री पल्लब लोचन ने बताया कि अगले सप्ताह बासुमैत्री को तीरंदाजी का कोच नियुक्त किया जाएगा और बाद में उन्हें कोचिंग की शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग के लिए पंजाब भी भेजा जाएगा।
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