सवालों के घेरे में चुनाव आयोग का रिजर्वेशन सिस्टम
|राज्य चुनाव आयोग द्वारा निगमों के चुनाव को लेकर वार्डों के किए गए रिजर्वेशन पर सवाल उठने खड़े हो गए हैं। आरोप लग रहे हैं महिलाओं व एससी वॉर्ड के रिजर्वेशन में न तो परंपराओं का ध्यान रखा गया और न नियमों का पालन हुआ। कहा जा रहा है कि आयोग ने कई इस मसले पर खुद ही निर्णय लेकर उन्हें लागू कर दिया।
आयोग के वॉर्ड रिजर्वेशन में जो सबसे बड़ा सवाल उठाया गया है, वह यह है कि कानून के अनुसार हर बार रिजर्वेशन करते वक्त रोटेशन का प्रयोग किया जाना चाहिए। लेकिन इस बार पिछले रिजर्वेशन को ही ले लिया गया है। हैरानी इस बात पर भी जताई जा रही है कि किसी भी विधानसभा के सभी वॉर्ड को किस आधार पर एससी के लिए आरक्षित कर दिए गए। एकीकृत एमसीडी की निर्माण समिति के अध्यक्ष व दिल्ली पर कई पुस्तके लिख चुके जगदीश ममगांई के अनुसार नॉर्थ एमसीडी की सुलतानपुर माजरा सीट व ईस्ट एमसीडी की गोकुलपर विधानसभा के सभी चारों वॉर्ड को एससी के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इस विधानसभा में सामान्य जाति के भी वोटर और नेता हैं, लेकिन उन्हें चुनाव लड़ने का हक छीन लिया गया है। इससे सटी मंगोलपुरी विधानसभा के चार में से तीन वॉर्ड एससी के लिए और चौथा महिला के लिए रिजर्व कर दिया गया हैं। मतलब इस इलाके के सामान्य जाति के लोगों से ज्यादती की गई है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नॉर्थ की करोलबाग विधानसभा एससी लिए रिजर्व है। अब इसके तीन वॉर्ड में से दो एससी के लिए व एक महिला के लिए रिजर्व हैं। इसी प्रकार त्रिलोकपुरी विधानसभा भी एससी के लिए रिवर्ज है और अब इसके चार वॉर्ड में से तीन अनुसूचित जाति व एक महिला के लिए यानि चारों वार्ड रिजर्व कर दिए गए हैं। तुगलकाबाग विधानसभा के तीन वॉर्ड में से दो एससी व एक महिला के लिए यानि तीनों वॉर्ड रिजर्व हो गए हैं। यानि इन विधानसभाओं में सामान्य श्रेणी के व्यक्ति के चुनाव लड़ने का कोई मौका नहीं है। ममगांई के अनुसार वर्ष 2012 में एमसीडी चुनाव के लिए वॉर्ड निर्धारित करते समय विषम संख्या (1, 3, 5, 7 आदि) महिलाओं के लिए व सम संख्या पुरुषों के लिए रखी गई थी। इस बार इन्हें बदलना चाहिए था, लेकिन पिछली बार की तरह ही इन्हें रख दिया गया है। वर्ष 2012 में चुनाव आयोग ने एक विधानसभा में एक वॉर्ड एससी के लिए रिजर्व का पैमाना बनाया तो अब उसके उलट एक विधानसभा में चार-चार वॉर्ड क्यों रिजर्व किए गए है। अगर वर्तमान सिद्धांत सही है तो क्या पिछला सिद्धांत गलत था।
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