फिल्म रिव्यू: गालियां और गलियां, ‘सात उचक्के’ (2.5 स्टार)
|‘सात उचक्के’ में पुरानी दिल्ली की गलियां और गालियां हैं। गालियों की बहुतायत से कई बार आशंका होती है कि कहीं लेखक-निर्देशक स्थानीयता के लोभ में असंयमित तो नहीं हो गए हैं।
‘सात उचक्के’ में पुरानी दिल्ली की गलियां और गालियां हैं। गालियों की बहुतायत से कई बार आशंका होती है कि कहीं लेखक-निर्देशक स्थानीयता के लोभ में असंयमित तो नहीं हो गए हैं।