अब लंदन को UK से अलग करने की मांग, एक लाख लोगों ने साइन की पिटीशन

लंदन/बर्लिन/पेरिस. यूरोपियन यूनियन से बाहर होने के फैसले से ब्रिटिश इंडियंस को बड़ा झटका लगा है। यहां रह रहे भारतीय मूल के ज्यादातर लोग नहीं चाहते थे कि देश EU से अलग हो जाए। कंजरवेटिव पार्टी के एमपी ऋषि सुनाक और आलोक शर्मा ने हमेशा ईयू में बने रहने का सपोर्ट किया था। शर्मा ने तो क्रॉस पार्टी तक बना ली थी। इस बीच, लंदन को ब्रिटेन से अलग करने की मांग उठने लगी है। ऐसी ऑनलाइन पिटीशन पर अब तक एक लाख से ज्यादा लोग साइन कर चुके हैं। इसमें मेयर सादिक खान से अपील की गई है कि वे लंदन को इंडीपेंडेंट स्टेट डिक्लेयर करें, ताकि लंदन EU में बना रहे। क्यों पड़ी रेफरेंडम की जरूरत, क्या आए नतीजे…   – बता दें कि यूके (यूनाइटेड किंगडम) को ही ग्रेट ब्रिटेन या ब्रिटेन कहा जाता है। इसमें  इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और ईस्ट आयरलैंड शामिल हैं।   – यूके में लंबे समय से यह दलीलें दी जा रही थीं कि यूनियन में शामिल होने की वजह से देश अपनी इकोनॉमी या फॉरेन पॉलिसी को लेकर आजादी से फैसले नहीं कर पा रहा है। उसकी डेमोक्रेसी पर असर पड़ रहा है। – यह कहा गया था कि ईयू से अलग होने पर…

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