दो सरकारी बैंकों को कुल 5301.49 करोड़ रुपये का घाटा
|फंसा हुआ कर्ज बढ़ने से सरकारी बैंक केनरा बैंक को चौथी तिमाही में 3,905.49 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ। पूर्व वित्त वर्ष 2014-15 की इसी तिमाही में बैंक को 612.96 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
बैंक ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 12,116.14 करोड़ रुपये रह गई जो पिछले साल इसी अवधि में 12,429.21 करोड़ रुपये थी। जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक की कुल एनपीए बढ़कर 9.4 प्रतिशत रहा जो गत वित्त वर्ष की इसी अवधि में 3.89 प्रतिशत रहा था। बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध कर्ज का 6.42 प्रतिशत रहा जो पिछले साल 2.65 प्रतिशत था।
भारतीय रिजर्व बैंक के असेट क्वॉलिटी रीव्यू निर्देशों का पालन करते हुए बैंक ने आलोच्य अवधि में फंसे हुए कर्ज के लिए 6,331.54 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जो पूर्व वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,009.57 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष में बैंक का शुद्ध घाटा 2,812.82 करोड़ रुपये रहा जबकि पूर्व वित्त वर्ष में उसे 2,702.63 करोड रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस अवधि में बैंक की कुल आय बढ़कर 48,897.36 करोड़ रुपये हो गई जो पूर्व वित्त वर्ष 48,300.29 करोड़ रुपये थी। केनरा बैंक के शेयर का भाव शुक्रवार को 2.94 प्रतिशत घटकर 192.90 रुपये प्रति शेयर रहा।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को बीते वित्त वर्ष में 1,396 करोड़ रु. का घाटा
एक और सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को मार्च, 2016 में समाप्त वित्त वर्ष में 1,396.37 करोड़ रुपये का एकीकृत नुकसान हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने 666.06 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। डूबे कर्ज के लिए ऊंचे प्रावधान की वजह से बैंक को घाटा हुआ है।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष के दौरान उसकी कुल आय भी घटकर 27,932.13 करोड़ रुपये पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 28,376.37 करोड़ रुपये रही थी। सेंट्रल बैंक ने 2015-16 की आखिरी तिमाही के आंकड़े नहीं दिए हैं। संपत्ति के मोर्चे पर बैंक ने कहा कि मार्च, 2016 को उसका कुल लोन पर सकल एनपीए 11.95 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 6.09 प्रतिशत था। वित्त वर्ष के दौरान बैंक का कुल डूबा कर्ज 22,720.88 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 11,873.06 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष के दौरान बैंक का शुद्ध एनपीए बढ़कर 7.36 प्रतिशत या 13,241.80 करोड रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 3.61 प्रतिशत या 6,807.45 करोड़ रुपये था।
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