तंगी के कारण कोचिंग नहीं की, मार्क्स आए 97.83%
|नौबस्ता एरिया के रामशंकर साहू एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में मजदूरी करते हैं। रविवार दोपहर जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी निशा दसवीं में फर्स्ट डिविजन पास हुई है तो पूरे परिवार के खुशी के आंसू निकल पड़े। पैसों की कमी के कारण निशा मैथ्स की ट्यूशन नहीं ले सकी थी, लेकिन इस सब्जेक्ट में उसके मार्क्स आए पूरे 100। यूपी बोर्ड की मेरिट लिस्ट में निशा तीसरे नंबर पर है और पर्सेंटेज 97.83% है।
बर्रा के शिवाजी इंटर कॉलेज की स्टूडेंट निशा ने रोजाना 10-12 घंटे पढ़ाई की। स्कूल में वीकली और मंथली टेस्ट से कमियां पता चलती थीं। रुंधे गले से निशा कहती हैं, ‘पापा के पास पैसे नहीं थे तो मैथ्स की ट्यूशन सिर्फ एक महीने ले सकी। इसके बाद मैंने फैसला किया कि मैथ्स को ही अपनी ताकत बनाऊंगी। मैं खुश हूं कि मुझे पूरे 100 नंबर मिले हैं।’
निशा ने कहा, ‘पापा ने हम दोनों बहनों को बेटों की तरह पाला। उन्होंने दिन-रात हमारी पढ़ाई के लिए मेहनत की। मां संगीता भी पूरी हेल्प करती थीं। मैं आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हूं। ‘
वहीं निशा के पिता रामशंकर ने कहा, ‘मैंने सिर्फ बारहवीं तक पढ़ाई की मेरी पत्नी ने आठवीं तक। लेकिन मैं अपनी बेटियों को खूब पढ़ाऊंगा और आगे बढ़ाऊंगा। मेरी खून-पसीने की मेहनत कामयाब हो गई।’
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