माल्या के किंगफिशर ब्रैंड का नहीं मिला कोई खरीददार
|बैंकों के करीब 9,000 करोड़ रुपये के लोन चुकाने में डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके कारोबारी विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के ब्रैंड्स और ट्रेडमार्क्स की बोली लगाकर रकम जुटाने की बैंकों की कोशिशों पर पानी फिर गया है। कभी खासी चर्चित रही किंगफिशर एयरलाइंस की टैगलाइन ‘फ्लाई द गुडटाइम्स’ के लिए भी किसी ने बोली नहीं लगााई। माल्या को लोन देने वाले 17 बैंकों ने शनिवार को बोली का आयोजन किया था। माल्या से कर्ज वसूलने में असफल रहे बैंकों ने इसके जरिए कुछ रकम जुटाने की कोशिश की थी, जो बुरी तरह धराशायी हो गई।
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पिछले महीने ही बैंकों की ओर से आयोजित की गई मुंबई स्थित किंगफिशर हाउस की नीलामी भी असफल रही थी। इसे खरीदने में किसी ने कोई रुचि नहीं दिखाई। किंगफिशर के ट्रेडमार्क की नीलामी के लिए बेस प्राइस 366.70 करोड़ रुपये तय किया गया था। यह ट्रेडमार्क की उस वक्त की कीमत के मुकाबले 10वां हिस्सा भी नहीं है, जब कंपनी को लोन मुहैया कराया गया था। कंपनी के लोगो के अलावा 17 कर्जदाता बैंकों की ओर से कंपनी के अन्य ट्रेडमार्कों जैसे फ्लाइंग मॉडल्स, फनलाइनर, फ्लाई किंगफिशर और फ्लाइंग बर्ड डिवाइस को भी नीलामी के लिए रखा गया था।
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SARFAESI ऐक्ट के तहत एसबीआई की ओर से ब्रैंड किंगफिशर की ऑनलाइन नीलामी का आयोजन किया गया था। लोन लेते वक्त माल्या ने ट्रेडमार्क्स का भी मूल्यांकन कराया था। अपने अच्छे दौर में किंगफिशर एयरलाइंस भारत की सबसे बड़ी विमानन कंपनी बन गई थी। कंपनी को स्काईट्रैक्स की ओर से फाइव स्टार रेटिंग दी गई थी।
17 बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपये का लोन माल्या पर बकाया है। डिफॉल्टर साबित हो चुके माल्या ने 2 मार्च को भारत छोड़ दिया था, तब से ही वह लंदन में ठहरे हैं। इसी सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने ब्रिटेन से माल्या का प्रत्यर्पण किए जाने की गुजारिश की है। विदेश मंत्रालय ने माल्या का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है।
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