फिल्म रिव्यू- ‘जय गंगाजल’, देसी मिजाज और भाषा (3.5 स्टार)

हिंदी सिनेमा के फिल्मकार अभी ऐसी चुनौतियों के दौर में फिल्में बना रहे हैं कि उन्हें अब काल्पनिक कहानियों में भी शहरों और किरदारों के नामों की कल्पना करनी पड़ेगी। यह सावधानी बरतनी होगी कि निगेटिव छवि के किरदार और शहरों के नाम किसी वास्तविक नाम से ना मिलते हों।

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