जेएनयू विवाद में कूदे केजरीवाल, DM से कराएंगे जांच
|जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगाने के बाद मचे राजनीतिक विवाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कूद पड़े हैं। केजरीवाल ने शनिवार को इस मामले की जांच दिल्ली सरकार से कराने की बात कही। इससे पहले लेफ्ट के नेताओं ने उनसे मुलाकात कर जांच की मांग की थी। केजरीवाल ने इस विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने मोदी पर आरोप लगाया है कि वह ‘हर किसी को डराने के लिए’ पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार कराएगी जांच: जेएनयू मामले की जांच को लेकर केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि जेएनयू स्टूडेंट लीडर्स ने भारत विरोधी नारे लगाए, वहीं कुछ लोगों का यह दावा है कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने ऐसा किया। सच क्या है, इसका पता लगाने के लिए दिल्ली सरकार डीएम को जांच का जिम्मा सौंप रही है।’ इससे पहले केजरीवाल ने यह भी कहा था कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
लेफ्ट ने की थी जांच की मांग: इससे पहले लेफ्ट के नेताओं ने केजरीवाल से मुलाकात की थी और मामले की जांच मैजिस्ट्रेट से कराने की मांग की थी। इन नेताओं में सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा और जेडीयू सांसद केसी त्यागी शामिल थे। इन लोगों ने जेएनयू मामले को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया था और कहा था कि यह आपातकाल के दौर की याद दिलाता है। केजरीवाल से मुलाकात के बाद येचुरी ने कहा था, ‘इस मामले में जो सबूत पेश किए गए हैं, उनकी प्रामाणिकता की जांच किए जाने की जरूरत है। इसलिए हम केजरीवाल जी से मिलने आए हैं ताकि मैजिस्ट्रेट से स्वतंत्र जांच कराई जा सके।’
मोदी पर हमला: जेएनयू विवाद पर केजरीवाल ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ‘हर किसी को डराने के लिए’ पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि कोई भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का समर्थन नहीं करता। लेकिन इस मामले के बहाने निर्दोष स्टूडेंट्स को टारगेट करना मोदी सरकार को बहुत महंगा पड़ेगा। केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला था। पार्टी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस जेएनयू स्टूडेंट्स को परेशान करने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है।
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